Bangladesh News: पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus), मुल्क में हिंदुओं और अल्पसंख्यकों (Hindus Atrocities) के खिलाफ होते अत्याचारों पर संभाल नहीं पा रहे हैं। इसको लेकर उनकी भारत द्वारा लगातार आलोचना हो रही है। मोहम्मद यूनुस और उनकी सरकार में शामिल कुछ नेता भारत पर शेख हसीना (Sheikh Hasina) को लेकर विवादित बयान देते रहे हैं। इन विवादों के बीच अब यूनुस ने बांग्लादेशी सेना में जोश भरने की कोशिश की है।
बांग्लादेशी राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस ने अपनी सेना के जवानों के साहस की तारीफ की है और यह तक कह दिया कि सेना को युद्ध के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए और इसलिए वे तैयार भी रहें। मोहम्मद यूनुस वही हैं, जो कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर पूछे गए सवालों पर बगले झांकते और आरोपों को नकारते रहे हैं।
मोहम्मद यूनुस ने क्यों कही युद्ध की बात?
दरअसल, मोहम्मद यूनुस ने चटगांव स्थित मिलिटरी ट्रेनिंग एरिया में बांग्लादेशी सेना (Bangladeshi Army) के एक युद्धाभ्यास में हिस्सा लिया। उन्होंने इस मौके पर बांग्लादेश की सेना की जमकर तारीफ की। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि किसी भी समय पर जरूरत होने पर सेना को हमेशा युद्ध के लिए तैयार रहना होगा, क्योंकि उसे कभी भी जंग में उतरना पड़ सकता है।
शेख हसीना की वापसी के लिए क्या-क्या पैंतरा अपना रही यूनुस सरकार?
मोहम्मद यूनुस ने कहा कि युद्धाभ्यास वास्तविक युद्ध की तैयारी अहम हिस्सा है। सेना का मुख्य लक्ष्य हर परिस्थिति में देश की रक्षा करना और जीत सुनिश्चित करना है। मोहम्मद यूनुस ने यह भी कहा कि हम शांति के पक्षधर हैं लेकिन जब स्वतंत्रता और संप्रभुता की बात आ रही है, तो हमें हर तरह की चुनौतियों के लिए तैयार रहना होगा।
यूनुस सरकार पर लग रहे हैं आरोप
मोहम्मद यूनुस के इस बयान को लेकर चर्चा इसलिए भी हो रही है, क्योंकि उनकी सरकार अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर विवादों में रही है। यूनुस सरकार पर आरोप यह भी है कि हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकाम रही है। हालांकि यूनुस इन आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
युद्द की बात क्यों करने लगे मोहम्मद यूनुस
इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकारी बताते हैं कि मोहम्मद यूनुस सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे वे हिंदुओं के अत्याचारों को लेकर जारी उनकी वैश्विक आलोचना के बीच, बांग्लादेश में अपनी सियासी स्थिति मजबूत कर सकें। बांग्लादेश से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।