मानसूनी बारिश ने जहां हिंदुस्तान के कई राज्यों में तबाही मचा रखी है तो वहीं पाकिस्तान भी इससे अछूता नहीं है। पाकिस्तान में बारिश की वजह से एक महीने में 147 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई पुल-रोड और पावर हाउस तबाह हो चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान में मानसूनी बारिश जारी है। जिससे देश के कई हिस्सों में अचानक बाढ़ आ गई है। वहीं पिछले एक महीने में बारिश से संबंधित घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 147 हो गई है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि मरने वालों में अब तक 88 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। मानसून की बारिश ने देश भर में घरों, सड़कों, पुलों और बिजली स्टेशनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। देश के सबसे बड़े दक्षिणी बंदरगाह शहर कराची में हालात ज्यादा खराब हैं। यहां कई मोहल्ले बारिश के पानी में डूब गए। जिससे यात्री फंसे रहे या फिर पैदल पानी में घुसकर जाना पड़ा। वहीं कुछ लोगों ने उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के लिए नावों की व्यवस्था की। स्थानीय निवासी अब्दुल रहीम ने कहा, “फिलहाल, स्थिति यह है कि हमें वाहनों के बजाय नाव से जाना पड़ रहा है, क्यों सड़कें पूरी तरह से पानी में डूब चुकी हैं।
कराची के अन्य निवासियों ने कहा कि उन्हें अपनी कार को बारिश में डूबी सड़कों पर छोड़ना पड़ा, क्योंकि पानी कमर तक भर गया है। जिसकी वजह से लोगों को पैदल की अपने घर जाना पड़ा। अधिकारियों ने बाढ़ वाली सड़कों से पानी निकालने और लोगों को निकालने के लिए अर्धसैनिक बलों को बुलाया।
बताया जा रहा है कि बारिश साल के इस समय में औसत बारिश से लगभग दोगुनी ज्यादा होती है। बारिश जून के मध्य में शुरू हुई। जिसके बाद बारिश ने दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में तबाही मचाई, जहां अब तक 63 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सिंध प्रांत में अब 26 लोगों की मौत हो चुकी है। इस्लामाबाद और पूर्वी पंजाब प्रांत में भी भारी बारिश हुई।
विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन पाकिस्तान में औसत से अधिक भारी बारिश का कारण है। हर साल पाकिस्तान के कई शहर मानसूनी बारिश से जूझते हैं। मौसम जुलाई से सितंबर तक चलता है। वहीं विशेषज्ञों का ये भी कहना है कि पाकिस्तान में फसलों की सिंचाई और बांधों और अन्य जलाशयों को फिर से भरने के लिए बारिश आवश्यक है। दक्षिणी पाकिस्तान के कुछ हिस्से इस साल की शुरुआत से सूखे का सामना कर रहे हैं।