ब्रिटेन में मंकीपॉक्स वायरस का एक मामला सामने आया है। बीमार शख्स का लंदन के अस्पताल में उपचार चल रहा है। वो हाल ही में नाइजीरिया से आया था। माना जा रहा है कि वो वहीं पर वायरस की चपेट में आया। ब्रिटेन की हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी का कहना है कि मंकीपॉक्स एक दुर्लभ वायरस है। यह आसानी से नहीं फैलता है। इसके लक्षण मामूली हैं। राहत की बात ये है कि पीड़ित जल्दी ठीक हो सकते हैं।

एक रिपोर्ट के अनुसार यह वायरस चूहे जैसे संक्रमित जीवों से मनुष्य में फैलता है। इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बदन दर्द, ठंड लगना और थकावट शामिल हैं। यह अक्सर चेहरे से शुरू होकर शरीर के अन्य भागों में फैल जाता है। संक्रमण के दौरान शरीर पर दाने दिखने लग जाते हैं। वायरस त्वचा, सांस नली, आंख, नाक या मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है।

ब्रिटिश एजेंसी का कहना है कि वायरस तभी फैलता है, जब कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में हो। यह वायरस पश्चिम और मध्य अफ्रीका के कुछ हिस्सों में जंगली जानवरों से पाया गया है। फिलहाल माना जा रहा है कि यह चूहों से फैलता है।

UKHSA ने कहा कि इसमें बिना लक्षणों वाले लोगों को संक्रामक नहीं माना जाता है। लेकिन एहतियात के तौर पर जो लोग संक्रमित के कांटेक्ट में रहे हैं, उनसे संपर्क किया जा रहा है, जिससे कारगर उपचार हो सके। ब्र‍िटेन में 2018 में मंकीपाक्स वायरस की पहली बार घटना दर्ज की गई थी।

एजेंसी के निदेशक डॉ. कालिन ब्राउन ने बताया कि मंकीपाक्स लोगों के बीच आसानी से नहीं फैलता है। इस वजह से लोगों के लिए जोखिम कम है। उनका कहना है कि ऐसे लोगों से संपर्क करने की कोशिश हो रही है जो संक्रमित के संपर्क में आए थे। उनका कहना है कि अभी एहतियात के तौर पर वायरस को फैलने से रोकना ही अहम लक्ष्य है। इसके लिए जो कुछ भी किया जा सकता है एजेंसी अपनी तरफ से कर रही है।