पाकिस्तान में ईशनिंदा को लेकर एक भीड़ ने बीते रविवार को एक पुलिस थाना और चार पुलिस चौकियों को आग के हवाले कर दिया। बता दें कि यह मामला उत्तर-पश्चिम पाकिस्तान का है। जहां भीड़ पुलिस से ईशनिंदा के एक आरोपी को सौंपने की मांग कर रही थी। पुलिस द्वारा सौंपने से इनकार किये जाने के बाद अराजकत्तवों ने आगजनी की घटना को अंजाम दिया।

इस घटना को लेकर अधिकारियों का कहना है कि मानसिक रूप से विक्षिप्त एक व्यक्ति पर आरोप लगाया गया कि उसने इस्लाम की पवित्र किताब, कुरान का अपमान किया है। स्थानीय अधिकारी आसिफ खान ने बताया कि भीड़ की अराजकता में कोई अधिकारी हताहत नहीं हुआ है।

बता दें कि हमले की वजह से पुलिस को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के एक जिले चारसद्दा में नियंत्रण पाने के लिए सैनिकों को बुलाना पड़ा। सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें पुलिस थाने में आग जलती दिख रही है। इसको लेकर खान ने कहा कि भीड़ आरोपी को पीटना चाह रही थी लेकिन अधिकारियों ने इस प्रयास को विफल कर दिया।

भीड़ से बचाने के लिए पुलिस आरोपी को दूसरे जिले में ले गई। उन्होंने उस व्यक्ति के नाम यह कहते हुए जाहिर नहीं किया कि अधिकारी अभी भी जांच कर रहे हैं और संदिग्ध कुरान के अपमान के आरोप में एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। खान ने कहा कि भीड़ को रोकने के लिए अधिकारियों ने शुरू में विरोध किया लेकिन हजारों प्रदर्शनकारियों द्वारा पुलिस भवनों पर हमला किये जाने के बाद, अधिकारी वहां से हट गये।

उन्होंने कहा कि किसी पर बल प्रयोग नहीं किया गया। लोगों को हताहत होने से बचाया गया। उन्होंने कहा कि चारसद्दा में सोमवार को स्थिति खराब नहीं थी। वहीं पुलिस हमलों से जुड़े लोगों को गिरफ्तार करने की मांग कर रही है। बता दें कि पाकिस्तान के कानून के मुताबिक ईशनिंदा करने वाले को मौत की सजा दी जाती है। जहां अक्सर अपराध के आरोप ही भीड़ की हिंसा को भड़काने के लिए काफी होते हैं।