पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मेडिकल रिपोर्ट पर पाकिस्तान सरकार कटघरे में खड़ी हो गई है। एक तो स्वास्थ्य मंत्री ने रिपोर्ट को मीडिया के सामने सार्वजनिक कर दिया। दूसरे जो रिपोर्ट तैयार की गई है उसमें विरोधाभाष है। एक पेज पर इमरान की मानसिक स्थिति को बेहतरीन दर्शाया गया है। इतनी कि उनको अरेस्ट भी किया जा सकता है। मेडिकल रिपोर्ट के दूसरे पेज पर ही उनकी मानसिक स्थिति को खराब भी बताया गया है।

इमरान की मेडिकल रिपोर्ट को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (PIMS) ने तैयार किया है। ये 9 मई तो उनकी अरेस्ट के बाद स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स तैयार की गई थी। शुक्रवार को इसे पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने मीडिया के सामने रखा। अब्दुल कादिर पटेल ने इमरान खान के टेस्ट रिजल्ट्स को सार्वजनिक किया। पाटिल के खुलासे में सरकार की बेचारगी साफ दिखती है। एक तरफ वो कहते हैं कि मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान का मानसिक स्थायित्व सवालों के दायरे में है। दूसरी तरफ वो कहते हैं कि PTI चीफ इतने स्वस्थ हैं कि जेल भेजे जा सकते हैं।

इमरान की पार्टी सरकार पर मानहानि का केस दायर करने के मूड़ में

PTI का कहना है कि सरकार मजाक कर रही है। इस तरह से कहीं कुछ होता भी है। वो सरकार के खिलाफ मानहानि के आरोप के तहत कानूनी कार्रवाई करने का मन बना रही है। उधर सोशल मीडिया पर भी सरकार की रिपोर्ट को लेकर हंगामा बरपा है। लोग कई तरह की बातें कर रहे हैं।

पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार अब्बास नासिर कहते हैं कि सरकार को अपनी साख के बारे में तो सोचना चाहिए था। रिपोर्ट जिस तरह से बनाई गई है, वो सरकार के लचर तंत्र को दर्शाता है। राजनीतिक विश्लेषक मोशर्रफ जैदी रिपोर्ट को जोक ऑफ द लैटर करार देते हैं। उनका कहना है कि सरकार को ये तो सोचना चाहिए था कि एक ही मडिकल रिपोर्ट में इमरान खान मानसिक तौर पर स्वस्थ भी हैं और बीमार भी। ऐसा कैसे हो सकता है।

मेडिकल रिपोर्ट को लेकर सोशल मीडिया पर मचा हंगामा

एक और पत्रकार का कहना है कि अगर आप मेडिकल रिपोर्ट को लेकर पाकिस्तान और विदेश में चर्चा करें तो पता चल जाएगा कि ये किस तरह का मजाक है। उनका कहना है कि अब्दुल कादिर को पहले रिपोर्ट पर मंथन करना चाहिए था। उसके बाद इस पर अपनी टिप्पणी करनी थी। ध्यान रहे कि इमरान खान को 9 मई को पाकिस्तान की सरकार ने अरेस्ट किया था। उसके बाद उनका मेडिकल टेस्ट कराया गया था।