पाकिस्तानी सेना में बड़े स्तर पर फेरबदल करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास को अगला ‘चीफ ऑफ जनरल स्टाफ’ बनाया गया है। यह पद सेना प्रमुख के बाद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे पहले अब्बास भारत के साथ लगने वाली नियंत्रण रेखा (एलओसी) की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे।
लेफ्टिनेंट जनरल अब्बास बलूच रेजिमेंट से हैं और वह लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद मिर्जा का स्थान लेंगे जिन्हें रावलपिंडी स्थित 10 कोर का प्रमुख बनाया गया है। मिर्जा से पहले अब्बास 10 कोर का नेतृत्व कर रहे थे। पाकिस्तानी सेना की मीडिया इकाई अंतर-सेवा जनसंपर्क (आईएसपीआर) ने मंगलवार को जारी एक बयान में यह जानकारी दी।
मालूम हो कि रावलपिंडी कोर नियंत्रण रेखा की सुरक्षा करती है। डॉन न्यूज की खबर के अनुसार, पाकिस्तानी सेना में सेना प्रमुख के बाद चीफ ऑफ जनरल स्टाफ (सीजीएस) का पद सबसे अहम माना जाता है। सीजीएस को ‘जनरल हेडक्वार्टर्स’ में खुफिया और ‘परिचालन संबंधी’ कामकाज देखना होता है और ‘मिलिट्री ऑपरेशन्स’ और ‘मिलिट्री इंटेलिजेंस’ निदेशालय उसके अधीन काम करते हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास कौन हैं?: बता दें कि जनरल अब्बास ने इससे पहले इन्फैंट्री स्कूल, क्वेटा के कमांडेंट के रूप में कार्य किया है, और पूर्व सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ के निजी सचिव रहे हैं। उन्होंने मुरी में एक डिवीजन की भी कमान संभाली थी और एक ब्रिगेडियर के रूप में संचालन निदेशालय में काम किया था।
वहीं, जनरल मिर्जा सिंध रेजीमेंट से हैं। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें नवंबर 2019 में सीजीएस नियुक्त किया गया था, लेकिन अब वह एक कोर की कमान संभालेंगे – कुछ ऐसा जो उन्होंने 2018 में थ्री-स्टार रैंक पर पदोन्नत होने के बाद से कभी नहीं किया। वह नवंबर 2022 में शीर्ष तीन सबसे वरिष्ठ जनरलों में शामिल होंगे, जब सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का विस्तारित कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें या तो संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष या सेना प्रमुख के पद के लिए संभावित उम्मीदवार के रूप में देखा जाता है।
आईएसपीआर के बयान के अनुसार, लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद चिराग हैदर को मुल्तान कोर का प्रमुख बनाया गया है जो कि पाकिस्तान की मुख ‘स्ट्राइक कोर’ में से एक है। वह लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद वसीम अशरफ की जगह लेंगे, जिन्हें अब संयुक्त स्टाफ मुख्यालय के महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है।
ट्रांसफर और पोस्टिंग एक नियमित मामला है, लेकिन देश के अंतरराष्ट्रीय और घरेलू मामलों में सेना की प्रमुख भूमिका के कारण पाकिस्तान और दुनिया भर में इसे ध्यान से देखा जाता है।
अशरफ गनी ने जारी किया बयान: वहीं, अफगान नेता अशरफ गनी, जो कि तालिबान के कब्जे के बाद से देश से बाहर हैं, ने बताया कि उन्होंने अपने देश में शांति बनाए रखने और गृह युद्ध को टालने के लिए देश छोड़ा, जिससे कि इसका खामियाजा आम नागरिकों को न उठाना पड़े। बुधवार को ट्विटर पर शेयर किए गए एक बयान में अशरफ गनी ने देश के लोगों से माफी मांगते हुए यह बात कही। अशरफ गनी ने अपने ऊपर पर लगे उन आरोपों को खारिज किया, जिनमें कहा गया था कि वे अपने देश से ढेर सारा पैसा लेकर विदेश भाग गए हैं।