फेसबुक एक ऐसी कंपनी है जिसमें नौकरी करना शायद ही कोई ना पंसद करे, पर वहां से निकाले गए एक कर्मचारी ने कंपनी के बारे में कई ऐसे खुलासे किए हैं जो अगर सच हैं तो कंपनी में कोई काम करने की सोच भी नहीं सकता। फेसबुक में काम करने वाले उस कर्मचारी ने बताया है कि वहां काम करने वालों की जिंदगी इतनी भी अच्छी और कूल नहीं होती जितनी दिखती है।
यह किताब एनटोनियो ग्रेशिया मार्टिनेज नाम के शख्स ने लिखी है। उन्हें दो साल पहले फेसबुक से निकाल दिया गया था। उनकी किताब का नाम Chaos Monkeys: Obscene Fortune and Random Failure in Silicon Valley है। देखिए किताब में कैसे-कैसे दावे किए गए हैं-
किताब में मार्क जुकरबर्ग को नोर्थ कोरिया के तानाशाह किम जॉन्ग जैसा बताया गया है और फेसबुक को नॉर्थ कोरिया जैसा।
किताब के मुताबिक, फेसबुक की बिल्डिंग के अंदर निजी पुलिस की तैनाती की गई है। उसका काम सब कर्मचारियों पर नजर रखना होता है। उसका नाम ‘द सेक’ रखा गया है।
महिलाओं को छोटे कपड़े पहनकर आने नहीं दिया जाता। जो लड़कियां स्कर्ट पहनकर आ जाती हैं उन्हें HR वाले लोग जमकर सुनाते हैं। HR का मानना है कि छोटे कपड़े से पुरुष कर्मचारी का ध्यान भटकता है।
एनटोनियो का आरोप है कि फेसबुक के कर्मचारी को दिन में 20 घंटे काम करना होता है।
जुकरबर्ग के बारे में :
किताब के जुकरबर्ग के बारे में लिखा गया है कि वह कर्मचारियों का गालियां देते हैं। एक मेल का जिक्र भी करते हैं जो उनके मुताबिक, जुकरबर्ग की तरफ से किसी पेंटर को भेजा गया था। उसमें लिखा था, ‘मैंने सोचा था कि तुम कला का नमूना दिखाओगे, पर F*** तुमने सब खराब कर दिया।’
एनटोनियो का आरोप है कि अगर कोई कर्मचारी किसी नए प्रोडक्ट के बारे में लॉन्चिंग से पहले किसी को बताता है तो उसे जुकरबर्ग सीधा रिजाइन देने का मेल कर देते हैं।
खैर एनटोनियो पहले कर्मचारी नहीं है जो फेसबुक और जुकरबर्ग की बुराई करते हों। इससे पहले कंपनी को छोड़कर गईं कैथरीन लूस ने भी अपनी किताब में ऐसी बातें लिखी थीं। उनके मुताबिक, वहां पर लड़कियों से अश्लील बातें की जाती हैं। उन्होंने जुकरबर्ग को नेपोलियन बताया था जो चाहता है कि लोग उसकी पूजा करें। डेली मेल ने फेसबुक से इसपर प्रतिक्रिया लेनी चाही थी, पर उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।