पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात-उद-दावा को यहां तालिबान शैली की समानांतर अदालत लगाने पर नोटिस जारी किया है। मुंबई पर 2008 में हुए आतंकवादी हमले का सरगना हाफिज सईद जमात-उद-दावा का मुखिया है। लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शाहिद बिलाल हसन ने मंगलवार (19 अप्रैल) को जेयूडी के प्रमुख काजी हाफिज इदरीस, गृह सचिव, संघीय कानून मंत्री, पंजाब के मुख्य सचिव, पंजाब एवं लाहौर के पुलिस महानिरीक्षक और लाहौर के पुलिस प्रमुख को नोटिस जारी किया और उनसे 26 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा।
तालिबान की तर्ज पर जेयूडी ने हाल में यहां ‘सहज और त्वरित’ न्याय के लिए एक ‘शरिया अदालत’ लगाई थी और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में यह अपनी तरह की पहली अदालत थी। अदालत ने कहा कि ‘‘दारुल कजा शरिया’’ एक समानांतर निजी न्यायिक व्यवस्था है जिसे प्राथमिक तौर पर ‘सहज और तेजी से न्याय’ प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था।
याचिकाकर्ता खालिद सईद ने अदालत से कहा कि उन्हें ‘दारुल कजा अल-शरिया’ के लेटर पैड पर लिखित सम्मन मिला है जिसमें उन्हें ‘शरिया की मध्यस्थता अदालत’ के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है। खालिद ने कहा कि उनके पास काजी की तरफ से टेलीफोन भी आया और उनसे उनके समक्ष उपस्थित होने को कहा गया। काजी जेयूडी की अदालत में न्यायाधीश के तौर पर काम करता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उसने सरकारी पदाधिकारियों और पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को भी अवैध सम्मन के खिलाफ आवेदन दिया लेकिन उनसे कोई जवाब नहीं मिला।