कुवैत में हुए अग्निकांड से हर कोई स्तब्ध रह चुका है, 40 भारतीय मजदूरों की मौत ने कई सवाल उठा दिए हैं। हर कोई चर्चा कर रहा है कि आखिर मिडिल ईस्ट के इस देश में मजदूरों की ऐसी खराब हालत कैसे चल रही है, अभी तक स्थिति को सुधारने के लिए कोई कदम क्यों नहीं उठाया गया। अब कुवैत में हालात चिंताजनक हैं, लेकिन यह कह देना कि सिर्फ वहां पर इस समय ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है, तो यह गलत होगा।
शानो-शौकत पर मत जाएं, स्थिति खराब!
सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी इस समय यूएई में मौजूद हैं। यूएन की ही प्रवासियों पर जारी की गई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में सबसे ज्यादा भारतीय प्रवासी यूएई में रहते हैं। पिछले कई सालों से यह पैटर्न चलता आ रहा है, जिस तरह से नौकरी की तलाश में लोग कुवैत भागते हैं, उसी काम के लिए यूएई का भी रुख किया जाता है। वहां भी भारतीयों के लिए सबसे पसंदीदा जगह दुबई बनी हुई है। अब एक वर्ग तो जरूर वहां पर व्यापारी बन शानो शौकत वाला जीवन जी रहा है, लेकिन एक बड़ा तबका मजदूर बनकर जाता है जो कम संसाधनों में और खस्ता हालातों में रहने को मजबूर है।
यूएई की असल सच्चाई
एक आंकड़ा बताता है कि वर्तमान में यूएई में 35 लाख से ज्यादा भारतीय प्रवासी रह रहे हैं। बड़ी बात यह है कि यूएई की 88 फीसदी आबादी ही प्रवासियों की है, यानी कि देश का जो विकास हो रहा है, जो वो पैसा कमा रहा है, उसमें उसके खुद के नागरिकों से ज्यादा प्रवासियों का योगदान चल रहा है। इस सब के बावजूद भी यूएई में भारतीय मजदूरों की हालत ठीक नहीं है। जैसे कुवैत में मजदूरों के साथ शोषण होता दिख जाता है, वैसी ही स्थिति यूएई में भी बनी हुई है।
दुबई में मजदूरों के साथ क्या हो रहा?
यूएई में ज्यादातर इलाकों में मजदूरों को कम वेतन में ज्यादा घंटे काम करने के लिए मजबूर किया जाता है। गर्मी कितनी भी ज्यादा क्यों ना हो, मजदूरों को कभी भी राहत नहीं दी जाती है। इसके ऊपर उन्हें छुट्टियां भी नहीं मिलती है, वो लोग सिर्फ अपनी मेहनत के पैसे को भारत भेजने का काम करते हैं। वहां रह रहे भारतीय बताते हैं कि दुबई के बड़े मार्केट्स से तो वे लोग सब्जी तक नहीं खरीद सकते हैं, इतना पैसा ही वे नहीं कमा पा रहे हैं। ऐसे में कुछ चुनिंदा इलाकों से ही जरूरी सामान खरीदने का काम होता है।
सबसे ज्यादा मौतें, फिर भी जा रहे मजदूर
एक आंकड़ा बताता है कि यूएई और सऊदी अरब में 2019-20 में सबसे ज्यादा भारतीय मजदूरों की मौत हुई थी। लगातार हो रही इन मौतों के वैसे तो कई कारण बताए गए, लेकिन सबसे प्रमुख रहा वहां पर मजदूरों को मिल रही खस्ता स्थिति। कई मजदूर या सुसाइड कर लेते हैं, या हार्ट अटैक या फिर किसी दुर्घटना में अपनी जान गंवा बैठते हैं। इतना सबकुछ होने के बावजूद भी भारतीय प्रवासी लगातार इन देशों का रुख कर रहे हैं।