दुर्दांत खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की कनाडा में एक गुरद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। नई दिल्ली में अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) का प्रमुख निज्जर भारत में अति वांछित आतंकवादियों में शामिल था, जिस पर 10 लाख रुपए का इनाम था।
अधिकारियों ने बताया कि पंजाब में जालंधर के भारसिंघपुर गांव का रहने वाला निज्जर कनाडा के सरे स्थित गुरु नानक सिख गुरद्वारा साहिब के पार्किंग स्थल में रविवार को स्थानीय समयानुसार रात आठ बजकर करीब 30 मिनट पर एक कार में मृत मिला था और उसके शरीर में गोलियां लगी हुई थीं। वह इस गुरद्वारे का प्रमुख था।
अधिकारियों ने प्रारंभिक जानकारी के हवाले से कहा कि दो अज्ञात हमलावरों ने निज्जर को गोली मारी जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। अधिकारियों के अनुसार, जब उसके शव को कनाडा की पुलिस घटनास्थल से ले जा रही थी तो सिखों के एक समूह ने खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी नारे लगाए।
निज्जर भारत में आतंकवादी गतिविधियों में कथित भूमिका को लेकर देश में अति वांछित आतंकवादियों में शामिल था। राष्ट्रीय जांच एजंसी (एनआइए) ने जालंधर में 2021 में एक हिंदू पुजारी पर हमले के मामले में निज्जर की गिरफ्तारी में सहायता के लिए सूचना देने पर पिछले साल जुलाई में 10 लाख रुपए नकद इनाम की घोषणा की थी।
इससे तीन महीने पहले ही एनआइए ने हमले के सिलसिले में उसके और तीन अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। एनआइए के अनुसार, निज्जर भारत में खालिस्तान समर्थक समूह ‘सिख्स फार जस्टिस’ के अलगाववादी और हिंसक एजंडे को भी बढ़ावा दे रहा था।
एनआइए ने 10 लाख का इनाम घोषित कर रखा था
भारत की राष्ट्रीय जांच एजंसी ने बीते साल जुलाई में निज्जर पर 10 लाख का इनाम रखा था। निज्जर पर पंजाब के जालंधर में एक हिंदू पुजारी की हत्या करने का आरोप था। पुजारी की हत्या की साजिश खालिस्तान टाइगर फोर्स ने रची थी, जिसका निज्जर प्रमुख था। भारत ने कनाडा से हरदीप सिंह निज्जर के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध भी किया था। वह पंजाब से जालंधर जिले का रहने वाला था।
कनाडा जाकर उसने प्लंबर का काम किया था। धीरे-धीरे उसकी पहचान कनाडा के सिख समुदाय में एक नेता के तौर पर होने लगी। इसके बाद उसे सरे शहर में गुरुनानक गुरुद्वारा का निर्विरोध प्रमुख चुन लिया गया। उसने कनाडा में कई हिंदू मंदिरों पर भी हमले की साजिश रची थी।
बब्बर खालसा को फिर से खड़ा करने में जुटा था
निज्जर खालिस्तानी आतंकी संगठन बब्बर खालसा को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रहा था। उसने कनाडा में रहने वाले मनदीप सिंह के साथ मिलकर बब्बर खालसा इंटरनेशनल के लिए धन जमा किया था। उसकी कोशिश खालिस्तान समर्थक संगठनों की एक बड़ी फौज खड़ा करने की थी। निज्जर दूसरे खालिस्तानी संगठनों के साथ भी मिलकर भारत के खिलाफ साजिश रच रहा था।
पाकिस्तानी आइएसआइ का था खास
खालिस्तान कमांडो फोर्स के सरगना हरदीप सिंह निज्जर ने 2013-14 में पाकिस्तान की यात्रा की थी। इस यात्रा का पूरा खर्च पाकिस्तानी खुफिया एजंसी आइएसआइ ने उठाया था। इस दौरान निज्जर की मुलाकात पाकिस्तान में छिपे हुए खालिस्तानी आतंकी जगतार सिंह तारा से हुई थी। तारा को 2015 में थाईलैंड से गिरफ्तार किया गया था। निज्जर ने दिसंबर 2015 में ब्रिटिश कोलंबिया के मिसजेन हिल्स में खालिस्तानी उग्रवादियों के लिए एक प्रशिक्षण शिविर भी लगाया था। इस दौरान खालिस्तान समर्थक उग्रवादियों को छोटे हथियारों को चलाने का प्रशिक्षण भी दिया गया था।
इन मामलों में था वांछित
2010 में पंजाब पुलिस ने पटियाला में सत्य नारायण मंदिर के पास एक विस्फोट में शामिल होने के लिए मामला दर्ज किया था। 2015 में धर्मगुरु की हत्या करने की साजिश रचने का मामला।2016 में भी लुधियाना में डाक पुलिस स्टेशन में निज्जर के खिलाफ हिंसा भड़काने और आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर मामला।साल 2016 में ही उसके ऊपर तब मामला दर्ज किया गया, जब उसने कनाडा में एक प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था।