खालिस्तान कमांडो फोर्स (KCF) के प्रमुख परमजीत सिंह पंजवार उर्फ मालिक सरदार सिंह (Paramjit Singh Panjwar alias Malik Sardar Singh) की हत्या कर दी गई है। उसकी शनिवार सुबह पाकिस्तान के लाहौर में कथित तौर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई। अलगाववादी संगठन दल खालसा के नेता कंवर पाल सिंह (Kanwar Pal Singh) ने हमले में परमजीत सिंह पंजवार के मारे जाने की पुष्टि की। कंवर पाल ने कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक वह मॉर्निंग वॉक पर थे, उसी दौरान दो बंदूकधारियों ने उसे गोली मार दी।
1960 में तरनतारन के पंजवार गांव में जन्मा परमजीत सिंह पंजवार केसीएफ का प्रमुख था। उसे यूएपीए के तहत एक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। वह पाकिस्तान के लाहौर में रहता था और वहीं से काम कर रहा था।
परमजीत सिंह पंजवार खुद को एक कट्टरपंथी खालिस्तानी मानता था। वह लगातार भारतीय और पाकिस्तान के पंजाब से अलग सिख देश की मांग करता था। परमजीत सिंह पंजवार एक वांछित आतंकवादी था जिसने खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) नामक आतंकवादी संगठन का नेतृत्व किया था। भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा केसीएफ के पूर्व प्रमुख और परमजीत के चचेरे भाई लाभ सिंह का सफाया करने के बाद उसने केसीएफ का कार्यभार संभाला।
परमजीत सिंह पंजवार पटियाला और अंबाला शहरों में 2010 के दोहरे बम विस्फोटों का एक प्रमुख साजिशकर्ता था। उसे 2009 में राष्ट्रीय सिख संगत के प्रमुख रुल्दा सिंह की हत्या के साजिशकर्ता के रूप में आरोपी भी बनाया गया था। राष्ट्रीय सिख संगत आरएसएस की ही इकाई मानी जाती है। हाल के दिनों में परमजीत कथित तौर पर भारतीय पंजाब में मानव रहित ड्रोन के माध्यम से नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी में शामिल था।
वहीं भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार चंडीगढ़ में 30 जून 1999 के पास एयरपोर्ट कार्यालय के पास जो बम ब्लास्ट हुआ था, वह भी परमजीत सिंह ने ही करवाया था। चंडीगढ़ एयरपोर्ट कार्यालय के पास ब्लास्ट में 4 लोग जख्मी हुए थे, जबकि कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हुई थी। स्कूटर की डिग्गी में बम रखा गया था। गृह मंत्रालय ने 2020 में 9 आतंकवादियों की लिस्ट जारी की थी, उसमें परमजीत सिंह का भी नाम शामिल था।