अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के तहत कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने हैं। 5 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। इससे पहले डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के लिए कुछ अनुमान अच्छे संकेत नहीं दे रहे हैं। अनुमान यह है कि वह इस चुनाव में भारतीय मूल के अमेरिकी मतदाताओं के अपने पारंपरिक वोट को खो सकती हैं। जिन्होंने हमेशा डेमोक्रेट्स पार्टी का ही साथ दिया है। भले ही कमला हैरिस भारतीय मूल की हों लेकिन कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस के एक सर्वे में पाया गया है कि उन्हें 2020 में मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन की तुलना में भारतीय मूल के लोगों से कम वोट मिलने की संभावना है।
सर्वे क्या कहता है?
कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस का सर्वे कहता है कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय के अनुमानित 61 प्रतिशत लोग कमला हैरिस को वोट देंगे, जो 2020 के पिछले राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में लगभग 4 प्रतिशत कम है। 5.2 मिलियन की संख्या वाला भारतीय अमेरिकी समुदाय मैक्सिकन अमेरिकियों के बाद अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा आप्रवासी समूह है, जिसमें 5 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए लगभग 2.6 मिलियन मतदाता मतदान करने के पात्र हैं।
इस सर्वे में डेमोक्रेट्स से जुड़े लगाव पर भी सवाल किया गया। जिसमें 47 प्रतिशत लोग पार्टी को अब भी पसंद करते हैं लेकिन 2020 में यह आंकड़ा 56 फीसदी था। इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि भारतीय अमेरिका समुदाय ने अपने विचार में बदलाव के संकेत दिए हैं। इनमें से कुछ का रुख डोनाल्ड ट्रंप की ओर भी हुआ है।
कमला हैरिस के लिए ये कितनी बढ़ी बात?
पिछले कुछ सालों में दोनों पार्टियों ने अप्रवासी समूह तक अपनी पहुंच बढ़ा दी है क्योंकि समुदाय का राजनीतिक प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। कमला हैरिस को के भारतीय कनेक्शन को लेकर यह माना जाता है कि भारतीय-अमेरिकन उन्हें पहले से ज़्यादा सहयोग करेंगे लेकिन यह इसका उलट है। अभी तक हुए मतदान को लेकर जानकारी है कि पेंसिल्वेनिया, जॉर्जिया, नॉर्थ कैरोलिना, मिशिगन, एरिज़ोना, विस्कॉन्सिन और नेवादा में दोनों उम्मीदवारों के बीच 2 प्रतिशत से भी कम का अंतर है। इसलिए चुनाव काफी रोचक माना जा रहा है।