अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुवार रात को कई धमाकों की आवाज सुनाई दी। स्थानीय लोगों के मुताबिक, एक के बाद एक कई धमाके हुए। अभी तक इन धमाकों का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है और न ही यह जानकारी सामने आई है कि किसकी तरफ से हमला किया गया। तालिबान की सरकार ने इतना जरूर कहा है कि इन धमाकों में किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन इनकी टाइमिंग को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।

क्या पाकिस्तान ने किया हमला?

असल में, इस समय तालिबान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्ताकी सात दिन के भारत दौरे पर आए हुए हैं, और यहां काबुल में धमाके हुए हैं। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है कि पाकिस्तान की तरफ से ये हमले किए गए, लेकिन इसकी पुष्टि अभी तक नहीं हो पाई है।

कहां हुए हैं धमाके?

इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, ये धमाके अब्दुल हक स्क्वायर में हुए हैं, जहा अफगानिस्तान सरकार के कई मंत्रालय और इंटेलिजेंस एजेंसी भी स्थित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, कुछ अन्य स्थानों पर भी इसी तरह के धमाके हुए। राहत की बात यह है कि किसी भी तरह का नुकसान नहीं हुआ है, किसी की जान नहीं गई है।

क्यों अहम तालिबान मंत्री का दौरा?

तालिबान के विदेश मंत्री के भारत दौरे की बात करें तो उसकी तैयारी भी लंबे समय से चल रही थी। मुत्ताकी के भारत दौरे को लेकर कहा जा रहा है कि उनकी मुलाकात विदेश मंत्री एस जयशंकर से हो सकती है। लेकिन उस मुलाकात के दौरान सिर्फ इस बात को लेकर विवाद है कि क्या अफगानिस्तान के झंडे को जगह दी जाए या नहीं। इससे पहले भी भारत के अधिकारियों की तालिबानी मंत्रियों के साथ मुलाकात हुई है, लेकिन तब किसी भी देश के राष्ट्रीय ध्वज को वहां जगह नहीं दी गई। लेकिन इस बार क्योंकि बैठक राजधानी दिल्ली में होनी है, ऐसे में इस मुद्दे की चर्चा ज्यादा हो रही है।

भारत से क्या चाहता है अफगानिस्तान?

दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक तालिबानी विदेश मंत्री राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से भी मिल सकते हैं। आतंकवाद, मानवीय सहायता, अफगान छात्रों को वीजा जैसे मुद्दों पर भी चर्चा संभव है। इसके अलावा अफगानिस्तान भारत में अपनी राजनयिक मौजूदगी को कैसे मजबूत करे, इस पर भी मंथन किया जाना है। इन मुलाकातों के अलावा मुत्ताकी इस दौरान ताजमहल के दीदार भी करने जा रहे हैं।

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