चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का शताब्दी समारोह जुलाई में होना है। इससे पहले वहां के स्कूली बच्चों को राष्ट्रपति शी जिनपिंग की शिक्षाओं को गहराई से पढ़ना होगा। बच्चों को बताया जाएगा कि जैसा राष्ट्रपति शी जिनपिंग कहें, वही करो। वही सही है। पार्टी की केंद्रीय समिति ने बुधवार को एक नए युवा संगठन चाइनीज यंग पायनियर्स के बीच वैचारिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए, जिसके साथ यह संबद्ध है।

इन निर्देशों में कहा गया है कि प्राथमिक विद्यालय के सभी बच्चों और माध्यमिक विद्यालय के पहले दो वर्षों में गतिविधियों को पूरा करने के लिए प्रति सप्ताह एक कक्षा होनी चाहिए। शिक्षण कर्मचारियों के लिए मुख्य प्रशिक्षण सामग्री राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विचार होनी चाहिए।

चीनी यंग पायनियर्स की स्थापना 1949 में हुई थी और इसमें छह साल से 14 साल के बीच के लगभग सभी बच्चे शामिल हैं। दिशा-निर्देशों के अनुसार, पार्टी के निर्देशों का पालन कराने के लिए इसने बच्चों का मार्गदर्शन करने में “बड़ी भूमिका” निभाई है।

यह भी कहा गया है कि शी जिनपिंग की शिक्षाओं को “दृढ़ता से मस्तिष्क में बैठाना” सिखाया जाना चाहिए। साथ ही उन्हें बताया जाए कि “शी ने जो निर्देश दिया है, उसे ही करें।” चीन में राजनयिकों, अधिकारियों, लेखकों सभी को अपनी नीतियों में “शी जिनपिंग थॉट” को शामिल करने, पढ़ने और अपनाने का दबाव रहता है। यह माओवाद के साथ-साथ इसे बढ़ाने के प्रयास का हिस्सा है।

स्कूली बच्चों को यह भी सिखाने का आग्रह किया गया है कि “आज का सुखी जीवन पार्टी के सही नेतृत्व से ही निकलता है। साथ ही हमारी समाजवादी तंत्र की श्रेष्ठता से”

पार्टी का मुखपत्र पीपुल्स डेली ने गुरुवार को दिशा-निर्देश का हवाला देते हुए कहा, “राजनीतिक ज्ञान और मूल्यों के निर्माण” को मजबूत करना और बच्चों के बीच “लाल जीनों को पीढ़ी दर पीढ़ी तक” पहुंचाने के लिए रणनीतिक महत्व का हिस्सा है।

एक अन्य राज्य-समर्थित समाचार पत्र चाइना डेली ने एक दिशानिर्देश में उद्धृत किया है कि “बच्चों को समझाने को रणनीति के रूप में देखा जाता है।” अखबार ने लिखा है कि बच्चे राष्ट्र और कम्युनिस्ट पार्टी के भविष्य हैं, जिन्होंने हमेशा देश की “रणनीतिक” और “मौलिक” कार्य को अच्छे तरीके से किया है।