Taliban Attacks on Pakistan: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इन दिनों चौतरफा मुसीबत से जूझ रहा है। पाकिस्तान की उसके पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान के साथ जंग छिड़ गई है। पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले जब अफगानिस्तान में घुसकर एयर स्ट्राइक की तो अफगानिस्तान में सरकार चला रहे तालिबान ने भी इसका जोरदार जवाब दिया। तालिबान ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से की गई एयर स्ट्राइक में उसके कई लोग मारे गए हैं। तालिबान की जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की सेना के भी कई जवानों को जान से हाथ धोना पड़ा।
इस साल मार्च में भी पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर घुसकर एयर स्ट्राइक की थी। तब भी इन दोनों मुल्कों के बीच संबंध बिगड़ गए थे।
ऐसे में उन कारणों के बारे में पता लगाना जरूरी होगा कि जिस वजह से ये दोनों इस्लामिक मुल्क अफगानिस्तान और पाकिस्तान आमने-सामने आ गए हैं। अगर दोनों मुल्कों के बीच युद्ध और तेज होता है तो इससे दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता को खतरा पैदा हो सकता है।
तालिबान के सत्ता संभालने पर पाकिस्तान ने मनाया था जश्न
आगे बढ़ने से पहले याद दिलाना जरूरी होगा कि अगस्त, 2021 में जब अमेरिका अफगानिस्तान से वापस चला गया था और तालिबान ने वहां की सत्ता संभाली थी तब पाकिस्तान की सरकार ने इसका जश्न मनाया था। उस वक्त पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी का मतलब है- ‘अफगान नागरिकों ने गुलामी की बेड़ियों’ को तोड़ दिया है। लेकिन पिछले कुछ ही सालों में दोनों मुल्कों के बीच रिश्ते इस कदर खराब क्यों हो गए?
कई मोर्चों पर जूझ रहा है पाकिस्तान
तालिबान के साथ पाकिस्तान की यह लड़ाई ऐसे वक्त में शुरू हुई है, जब पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक मुसीबत के दौर से गुजर रहा है। पाकिस्तान की सरकार तालिबान की ओर से पेश आए इस संकट के अलावा बलूचिस्तान में लगातार हो रहे बम धमाकों के अलावा ईरान के साथ चल रहे टकराव की वजह से भी परेशान है। पाकिस्तान के भीतर चल रहे इस तरह के खराब हालत पर भारत की भी निश्चित रूप से पैनी नजर है।
पाकिस्तान की एजेंसी इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के अनुसार, 2024 में कुल 444 आतंकवादी हमले हुए और इसमें सेना के 685 जवानों की मौत हुई है। पाकिस्तान में 2024 में देश में हिंसा के मामले में 2546 मौतें हुई हैं। इनमें से 94 प्रतिशत मौत खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में हुई हैं। इससे समझा जा सकता है कि ये दोनों प्रांत कितने अशांत हैं।
इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के कुर्रम जिले में सुन्नी और शिया समुदाय के बीच हो रहे खून-खराबे की वजह से भी पाकिस्तान में उथल-पुथल चल रही है। कुर्रम में इन दोनों समुदायों के बीच खूनी हिंसक झड़पों के चलते मुल्क में तनाव का माहौल है। पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता भी हावी है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थक खान को जेल से रिहा करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे हैं।
टीटीपी के हमलों से हिला हुआ है पाकिस्तान
पाकिस्तान बार-बार आरोप लगाता है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी (टीटीपी) को हथियार और जरूरी संसाधन मुहैया करा रहा है और इसकी मदद से टीटीपी के आतंकी पाकिस्तान में बम धमाके कर रहे हैं। टीटीपी की मांग है कि पाकिस्तान में भी अफगानिस्तान की तरह शरिया कानून लागू होना चाहिए। टीटीपी एक खूंखार आतंकवादी संगठन है। इसका नाम पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के मामले में भी सामने आया था। पिछले कुछ सालों में टीटीपी पाकिस्तान के अंदर ताकतवर आतंकवादी संगठन के रूप में उभरा है। यह कहा जा रहा है कि टीटीपी पाकिस्तान की सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है।
टीटीपी की विचारधारा कुछ हद तक अफगान तालिबान से मिलती है। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि काबुल में सत्ता संभालने के बाद तालिबान टीटीपी के आतंकियों को अफगानिस्तान की धरती का पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल नहीं करने देगा। लेकिन टीटीपी ने पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान में कई हमले किए हैं। इनमें से 2014 में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई पर हमला, दिसंबर 2014 में पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल पर हमला जिसमें 132 स्कूली बच्चों और नौ स्कूल कर्मचारियों की हत्या कर दी गई थी, प्रमुख हैं।
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डूरंड लाइन को लेकर भी है विवाद
बताना होगा कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच 2640 किलोमीटर लंबी डूरंड लाइन है। यह डूरंड लाइन पाकिस्तान और अफगानिस्तान को अलग करती है लेकिन तालिबान इसे नहीं मानता। डूरंड लाइन के दोनों ही ओर यानी- अफगानिस्तान और पाकिस्तान के इलाकों में पश्तून रहते हैं। डूरंड लाइन का निर्धारण अंग्रेजों ने किया था। तालिबान का मानना है कि डूरंड लाइन की दूसरी ओर जिस इलाके में पश्तून रहते हैं, उस इलाके पर भी उसका ही हक है। पश्तून भी डूरंड लाइन को नहीं मानते और अफगानिस्तान भी इसे मान्यता नहीं देता।
डूरंड लाइन पर जब आतंकी हमले शुरू हुए तो पाकिस्तान ने यहां तार-बाड़ करनी शुरू कर दी थी लेकिन इसकी वजह से इन दोनों मुल्कों के बीच और तनाव बढ़ रहा है क्योंकि अफगान और पश्तून मानते हैं कि यह तार-बाड़ उनके बीच में एक दीवार की तरह है।
कुल मिलाकर पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच लड़ाई की दो सबसे बड़ी वजह हैं। पहली यह कि पाकिस्तान का यह आरोप कि तालिबान आतंकी संगठन टीटीपी का समर्थन कर रहा है और दूसरी डूरंड लाइन को अफगानिस्तान के द्वारा मान्यता न देना है। पाकिस्तान की सेना और उसकी चौकियों पर अगर आतंकी हमले जारी रहे तो पाकिस्तान टीटीपी के खिलाफ और कार्रवाई करेगा तो तालिबान भी इसका जवाब देगा। ऐसे में यह लड़ाई आगे बढ़ सकती है। अगर दोनों मुल्कों के बीच जंग जारी रही तो निश्चित तौर पर इस इलाके में अशांति के हालात बन सकते हैं।
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