US Donald Trump Tariffs Controversy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर पहले 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया और फिर रूस से भारत के तेल खरीदने को लेकर नाराजगी जताते हुए 25 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ यानी कुल 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसको लेकर भारत की तरफ से तो तीखी प्रतिक्रियाएं आ ही रहीं है, बल्कि अमेरिका में भी ट्रंप की नीतियों का विरोध हो रहा है। कुछ ऐसा ही विरोध अमेरिका की पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने जताया है।
दरअसल, अमेरिका के पूर्व एनएसए जैक सुलविन ने कहा है कि इस कदम की वजह से नई दिल्ली और वॉशिंगटन के रिश्तों को मजबूत करने के लिए किए गए कई वर्षों के प्रयासों पर पानी फिर सकती है। जैक सुलविन ने कहा कि इससे नई दिल्ली को बीजिंग के साथ जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन की विश्वसनीयता बढ़ रही है जबकि हमारा अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है।
‘स्थिरता के मामले में अमेरिका से आगे निकला चीन’
बता दें कि द बुलवार्क पॉडकास्ट पर टिम मिलर के साथ बात करते हुए सुलिवन ने ट्रंप पर अमेरिका को उसके सहयोगियों की नज़र में एक “बड़ा विघटनकारी” बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज हमारे सहयोगी देश हमें एक विघटनकारी देश के रूप में देखते हैं। सुलविन ने यह भी कहा कि चीन लोकप्रियता और स्थायी नीतियों के मामले में हमसे आगे निकल गया है।
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टॉयलेट्स में अमेरिकी ब्रांड्स की कही बात
सुलविन ने कहा कि जहां एक ओर वाशिंगटन को एक स्थिर शक्ति माना जाता था वहीं अब उसे अविश्वसनीय माना जाता है, जबकि चीन की विश्वसनीयता बढ़ रही है। इतना ही नहीं, उन्होंने कहा, “आज हालात यह हैं कि चीन वैश्विक स्तर पर एक लोकप्रिय खिलाड़ी है, जबकि हमारा अमेरिकी ब्रांड टॉयलेट में नजर आता है।”
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भारत चीन के साथ करने लगा दोस्ती
जैक सुलविन ने भारत का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले कई वर्षों से भारत के साथ गहरे और टिकाऊ संबंध बनाने को लेकर काम किया जा रहा था लेकिन ट्रंप ने भारत पर भारी टैरिफ लगा दिया जिससे भारत को मजबूरन चीन के साथ दोस्ती के लिए मजबूर होना पड़ा है। हमारे लिए चीन भी एक चुनौती के तौर पर सामने खड़ा है।
जैक सुलविन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के खिलाफ ही अभियान छेड़ दिया है। ऐसे में भारतीयों का मानना यह है कि उन्हें चीन के साथ अपने संबंधों को सुधारना चाहिए, जो कि वह कर रहे है।
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