Israel-Iran War: ईरान-इजरायल के बीच टकराव और ईरान द्वारा इजरायल पर किए गए हमलों के चलते मिडिल ईस्ट में तनाव की स्थिति है। दोनों देशों के बीच सीधे युद्ध की संभावनाएं बढ़ गई हैं। ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले भी किए थे। इसके चलते इजरायल बदला लेने की प्लानिंग कर रहा है और खबरें हैं कि वह ईरान के तेल ठिकानों को निशाना बना सकता है जबकि अमेरिका इस मुद्दे पर इजरायल को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि वह नाकाम रही है।
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत की है और इस शांति स्थापित करने का संदेश दिया है। वहीं दूसरी ओर इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने बुधवार को कहा कि ईरान के खिलाफ इजरायल का हमला घातक और सटीक रहने वाला होगा।
हिजबुल्लाह पर तेज हुए इजरायली हमले
ध्यान देने वाली बात यह है कि अगस्त के बाद जो बाइडेन और बेंजामिन नेतन्याहू के बीच यह पहली बातचीत है। इस दौरान इजरायल ने हिजबुल्लाह पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। लगातार सीजफायर की बात हो रही है लेकिन इजरायल द्वारा इस मुद्दे पर सहमति नहीं बनती नजर आ रही है।
यमन ने इजरायल पर दागी हाइपरसोनिक मिसाइल, एयरस्पेस में आते ही ऐसा हुआ हाल
खास बात यह है भी है कि इजरायली पीएम के साथ जो बाइडेन की बातचीत में राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी कमला हैरिस भी थीं। बाइडेन के पीछे हटने के बाद कमला हैरिस रिपब्लिकन पार्टी की प्रत्याशी हैं और उनका मुकाबला पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से है।
अमेरिका-इजरायल में तनाव के लग रहे थे कयास
पिछले दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इजरायल को चेतावनी दी थी कि अगर इजरायल ईरान के परमाणु ठिकाने पर हमला किया तो अमेरिका उसका साथ नहीं देगा। अमेरिकी प्रेसिडेंट के इस बयान के बाद यूएस और इजरायल के संबंधों में तनाव की स्थिति आ गई थी।
दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का कहना था कि इजरायल को सबसे पहले ईरान के परमाणु ठिकानों पर ही हमला बोलना चाहिए। उन्होंने बाइडेन के परमाणु ठिकानों को लेकर दिए गए बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि सबसे पहले यही काम होना चाहिए।