Israel Attacks Iran Live Updates: इजरायल और ईरान के बीच जंग में टकराव एक बार फिर बढ़ गया है, क्योंकि ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के तहत इजरायल ने 100 से ज्यादा लड़ाकू विमानों से ईरान की राजधानी तेहरान और उसके आस-पास स्थित कई सैन्य ठिकानों का निशाना बनाया था। इसके बाद ईरान समर्थक देशों यानी पाकिस्तान से लेकर ओमान, मलेशिया, सऊदी अरब जैसे देशों ने निंदा जताई और इस हमले को अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है, जबकि अमेरिका समेत इजरायली खेमे के देशों ने इसे इजरायल के आत्मरक्षा का अधिकार बताया था। दूसरी ओर ईरान इस मामले में आक्रामक रूख अपना रहा है, उसका कहना है कि वह आक्रामकता का जवाब देने के लिए बाध्य और हकदार दोनों है।
आज क्या हुआ : ईरान और इजरायल ताजा विवाद के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘यहूदी (इजरायल) ईरान को लेकर गलत अनुमान लगा रहे हैं। वह ईरान के संकल्प को सही से समझ नहीं पाए हैं, उन्हें यह बात समझनी होगी।’ इजरायल ने 26 नवंबर की मध्य रात में ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिसमें ईरान के चार सैनिकों की मौत हो गई थी। दुनियाभर के अलग-अलग देशों ने इन हमलों के बाद दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वे उत्तरी गाजा में जारी हमलों से स्तब्ध हैं। इजरायली सेना का कहना है कि वह हमास को फिर से संगठित होने से रोकने के लिए हमले कर रही है। गुटेरेस के प्रवक्ता ने कहा, “उत्तरी गाजा में फंसे फिलिस्तीनी नागरिकों की दुर्दशा असहनीय है।”
गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, हिजबुल्लाह ने कहा कि उसने रविवार को उत्तरी इजराइल में एक सैन्य अड्डे पर रॉकेट दागे हैं।
देश के स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को कहा कि दक्षिणी लेबनान के सिडोन (सैदा) पर इजरायली हमले में कम से कम दो लोग मारे गए और 11 घायल हो गए हैं।
अक्टूबर महीने की शुरुआत ईरान के इजरायल पर हमले के साथ हुई और अब आखिरी दिन इजरायल के ईरान पर हमले से जुड़े तनाव के बीच गुज़र रहे हैं। ईरान कई कई सैन्य ठिकानो पर हुए हमलों में 4 सैनिक मारे गए हैं। हालांकि ईरान का कहना है कि उसे बहुत ज़्यादा नुकसान नहीं हुआ है। अब सबसे अहम सवाल यह है कि दोनों देशों के बीच एक कदम आगे बढ़ चुकी इस तल्खी का असर क्या होगा? अगर अब ईरान ने हमला किया तो दुनिया पर इसका प्रभाव क्या पड़ेगा? कई देशों ने बयान जारी कर दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है, यदि फिर भी बात आगे बढ़ती है तो क्या असर हो सकता है। इस आर्टिकल में यही समझने की कोशिश करते हैं।
ईरान और इजरायल ताजा विवाद के बीच ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि ‘यहूदी (इजरायल) ईरान को लेकर गलत अनुमान लगा रहे हैं। वह ईरान के संकल्प को सही से समझ नहीं पाए हैं, उन्हें यह बात समझनी होगी।’ इजरायल ने 26 नवंबर की मध्य रात में ईरान पर ताबड़तोड़ हमले किए थे, जिसमें ईरान के चार सैनिकों की मौत हो गई थी। दुनियाभर के अलग-अलग देशों ने इन हमलों के बाद दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
इजरायल की सेना साउथ लेबनान में हिजबुल्लाह के खिलाफ अपने अभियान को लगातार जारी रखे हुए है.. IDF ने बताया कि सेना के ग्राउंड ऑपरेशन में 4 इजरायली सैनिक मारे गए है. हिजबुल्लाह के हमले में 1 मेजर , 2 कैप्टन और 1 मास्टर सार्जेंट की मौत हुई है. आईडीएफ ने बताया कि सभी चारों जवान रिज़र्व बटालियन से थे.
इजरायली गोलीबारी में उत्तरी गाजा पट्टी में जबालिया शिविर के पूर्व में तेल अल-ज़ातर में दो फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं। इससे पहले बेत लाहिया पर दो इज़राइली हमलों में कम से कम 45 फ़िलिस्तीनी मारे गए। जैसे-जैसे जानकारी आएगी, हम आपको जानकारी देंगे।
ईरान समर्थित संगठन हिजबुल्लाह ने इजरायल पर ड्रोन अटैक किया है। IDF के अनुसार वेस्टर्न गलीली के बर-लेव इंडस्ट्रियल एरिया में लेबनान से लॉन्च किया गया एक यूएवी ने स्ट्राइक किया है। इजरायल के चैनल 12 प्रसारक ने बताया कि देश के उत्तरी हिस्से में स्थित कारमील में ड्रोन हमले में दो लोग घायल हो गए हैं।
लेबनान की न्यूज एजेंसी ANA ने बताया है कि शनिवार शाम को दक्षिणी लेबनान पर इजरायली हमलों में कम से कम छह लोग मारे गए और एक अन्य व्यक्ति घायल हो गया। ये हत्याएं जदेइदे मरजायून शहर में हुईं। यह भी कहा गया कि बेरूत पर रात भर इजरायल ने बम बरसाए हैं।
इजरायली सेना ने पूर्वी छोर से आ रहे एक ड्रोन को मार गिराया है। आईडीएफ का कहना है कि उसने कुछ समय पहले एक ड्रोन को मार गिराया है ड्रोन को इजरायली क्षेत्र में नहीं घुसने नहीं दिया है। इससे पहले भी लेबनान की तरफ से ड्रोन ने इजरायली क्षेत्र में घुसने की कोशिश की थी।
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने भी ईरान से स्थिति को और बढ़ाने से परहेज़ करने का आग्रह किया। सोशल मीडिया पर उन्होंने कहा कि ईरान को मेरा संदेश स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर तनाव जारी नहीं रहना चाहिए। तभी हम मध्य पूर्व में शांति के लिए अवसर पैदा कर सकते हैं।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने अमेरिकी रुख को दोहराते हुए कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि इजरायल को ईरानी आक्रामकता के खिलाफ खुद का बचाव करने का अधिकार है। साथ ही, मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि हमें क्षेत्रीय तनाव से बचना चाहिए और सभी पक्षों से संयम बरतने का आह्वान करना चाहिए। ईरान को जवाबी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। हम पूरे क्षेत्र में तनाव कम करने के लिए सहयोगियों के साथ मिलकर काम करेंगे।
भारत और अमेरिका के अलावा ब्रिटेन, फ्रांस तथा अन्य स्थानों के विश्व नेताओं ने भी पश्चिम एशिया में युद्ध की बनती स्थितियों पर चिंता जताई है। हालांकि इजरायल को इस मुद्दे पर नाटो देशों का समर्थन मिल रहा है।
ईरान और इजराइल के बीच लंबे समय से टकराव चल रहा है। ईरान इजराइल के अस्तित्व के अधिकार को स्वीकार नहीं करता है, और पश्चिम एशिया में ऐसे कई समूहों का समर्थन करता है जो इज़राइल और फिलिस्तीन पर उसके कब्जे के खिलाफ़ लड़ रहे हैं। इनमें सबसे उल्लेखनीय हमास और हिज़्बुल्लाह हैं, जिनके साथ इज़राइल वर्तमान में युद्ध कर रहा है। इज़राइल-ईरान संबंध पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास के हमलों के बाद इसमें गिरावट आई थी।
इजराइल ने उत्तरी गाजा में हमला कर 45 को मौत के घाट उतार दिया है। इजरायली सेना ने उत्तरी गाजा के बेत लाहिया में छह इमारतों पर बमबारी की थी, जिसमें कम से कम 45 लोग मारे गए, जबकि काउंसिल ऑन अमेरिकन इस्लामिक रिलेशंस (सीएआईआर) ने संयुक्त राज्य अमेरिका से फिलिस्तीनी क्षेत्र में पूरी आबादी के व्यवस्थित विनाश को रोकने का आह्वान किया।
ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन द्वारा इजरायली हमलों पर बड़ा बयान जारी किया गया। इसमे कहा गया कि इजरायली युद्धक विमानों ने इराकी हवाई क्षेत्र से ईरान पर हमला किया, जिसमें अमेरिका भी दोषी है। ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इराकी हवाई क्षेत्र अमेरिकी सेना के कब्जे, कमान और नियंत्रण में है। निष्कर्ष: इस अपराध में अमेरिका की मिलीभगत निश्चित है।
मिस्र की प्रमुख एयरलाइन कंपनी इजिप्ट एयर ने मिडिल ईस्ट के घटनाक्रम को लेकर ऐलान किया है कि इराक की राजधानी बगदाद और उत्तरी इराकी शहर एरबिल के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, बयान में एयरलाइन ने ग्राहकों से अपनी बुकिंग समायोजित करने का आह्वान किया है। उसने कहा है कि स्थिति स्थिर होने तक निलंबन जारी रहेगा।
इजराइली के हमले के बाद ईरान की ओर से बयान आया है। ईरान ने कहा है कि इस्लामी गणतंत्र संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद 51 में निहित आत्मरक्षा के अपने अंतर्निहित अधिकार का उपयोग करते हुए मानता है कि वह विदेशी आक्रामकता का जवाब देने के लिए हकदार और बाध्य दोनों है।
ईरान पर इजरायल के जवाबी हवाई हमलों के बाद विश्व नेताओं ने संयम बरतने का आह्वान किया। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत सहित अन्य देशों ने संयम बरतने का आग्रह किया है। ऐसा माना जा रहा है कि ईरान अब जवाबी कार्रवाई कर सकता है, ऐसे में हालात और ज़्यादा खराब हो सकते हैं। इसलिए कई देशों की ओर से शांति की अपील जारी की है है।
ईरान के विदेश मंत्री ने एक ताजा बयान में कहा है कि ‘अपने देश के लोगों की रक्षा के लिए उनके सामने कोई सीमा नहीं है।’
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शनिवार को मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव की निंदा की और तेहरान के पास सैन्य ठिकानों पर इजरायली हमलों के बाद क्षेत्र में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने का आह्वान किया। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने कहा, ‘महासचिव ने सभी पक्षों से गाजा और लेबनान सहित सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने, एक व्यापक क्षेत्रीय युद्ध को रोकने के लिए अधिकतम प्रयास करने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने की अपनी अपील को तत्काल दोहराया है।’
भारत ने पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव पर “गहरी चिंता” व्यक्त की है और संबंधित पक्षों से संयम बरतने का आग्रह किया है। विदेश मंत्रालय ने किसी देश का नाम लिए बिना एक बयान में कहा, “हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान दोहराते हैं।”
एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के राष्ट्रीय पुलिस बल के 10 सदस्य तेहरान से 1,200 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में मारे गए हैं।
यह हमला शनिवार की सुबह ईरान पर इजरायली हवाई हमलों के बाद हुआ। अभी तक किसी भी संदिग्ध की पहचान नहीं हो पाई है और किसी भी समूह ने जिम्मेदारी नहीं ली है।
ईरान ने इन हमलों को लेकर प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि ‘हम हमारे सैन्य केंद्रों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाइयों की कड़ी निंदा करते हैं और अपनी धरती पर बाहरी हमलों के खिलाफ खुद का बचाव करने का हकदार है।’ ईरान के बयान में साफ़तौर पर यह बात नज़र नहीं आती कि वह फिर से इजरायल पर हमला करने वाला है या नहीं, लेकिन ईरान को इस हमले का अंदाज़ा पहले से था और ईरान के ‘प्रोटेक्ट सिस्टम’ ने इसका मुकाबला भी किया है।
ईरान की ओर से इजरायल पर 1 अक्तूबर को किए गए ताबड़तोड़ हमलों को दोनों देशों के बीच अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई माना गया। चर्चा शुरू हुई कि इजरायल जल्द इसका जवाब दे सकता है। हमले के तुरंत बाद इजरायल ने कहा भी था कि ‘सही वक़्त पर जवाब दिया जाएगा’, अब इजरायल ने जवाब दिया है। 26 तारीख की दरमियानी रात को ईरान पर इजरायली हमले हुए। राजधानी तेहरान तक आवाज़ गूंजी।
आईडीएफ ने हमलों की पुष्टि की और ईरान ने भी माना कि हमले हुए हैं और कहा- ‘लेकिन नुकसान काफी ज़्यादा नहीं है।’ ईरान की सेना ने कहा है कि इलम, खुज़स्तान और तेहरान प्रांतों में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर किए गए इज़रायली हमलों में दो सैनिक मारे गए हैं।
ईरानी सेना के मुताबिक इजरायल के हवाई हमले में दो सैनिकों की मौत हुई है। इससे पहले इजरायली डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने शनिवार को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर ‘सटीक और टारगेटेड हमले’ सफलतापूर्वक पूरा करने की घोषणा की थी।
इजरायल पर हुए हमले की पाकिस्तान और ओमान के अलावा मलेशिया ने भी निंदा की है। मलेशिया ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताया है।
ईरान पर इजरायल द्वारा किए गए हमलों की ओमान ने निंदा की है। ओमान द्वारा कहा गया कि इस तरह की कार्रवाई तनाव कम करने और शांतिपूर्ण और राजनयिक तरीकों से संकटों को नियंत्रित करने के उन प्रयासों को कमजोर करती हैं।
ईरान पर इजरायल के हमलों को लेकर पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया है। पाकिस्तान ने इस हमले की निंदा की है और कहा है कि यह संप्रभुता, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून का गंभीर उल्लंघन बताया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि ये कार्रवाई क्षेत्र को अस्थिर करती हैं और शांति को ख़तरा पैदा करने वाली है। हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और वैश्विक समुदाय से शांति बहाल करने के लिए तुरंत कार्रवाई करने का आग्रह करते हैं।
ईरान और इजरायल के दौरान तनाव के बीच अमीरात एयरलाइन फ्लाई दुबई ने शनिवार को जॉर्डन, ईरान, इराक और इजरायल के लिए उड़ानें रद्द कर दी और अन्य के मार्ग परिवर्तित कर दिए हैं। कंपनी के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। यह जानकारी इजरायल द्वारा ईरान में सैन्य ठिकानों पर हमला करने के तुरंत बाद दी गई।