पाकिस्तान की पोल एकबार फिर दुनिया के सामने खुल गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अमेरिका में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) से वित्तीय मदद लेने पर जेल गए अलगाववादी नेता गुलाम नबी फई की अगुआई वाले कश्मीरी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से न्यूयॉर्क में मुलाकात की है। पाक पीएम की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कश्मीर के मौजूदा हालातों पर चर्चा की गई।  इस बैठक के बाद पाकिस्तान की असलियत एकबार फिर दुनिया के सामने आ गई। बैठक में एक ऐसे शख्स को शामिल किया गया जिसे भारत विरोधी गतिविधी और आईएसआई से करोड़ों डॉलर लेने के लिए जेल भेजा गया था।

फई को सोमवार को न्यूयॉर्क में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरेशी के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी देखा गया। पाकिस्तानी पीएम की मुलाकात रूसवेल्ट होटल में हुई जिसमें गुलाम नबी फाई के अलावा पाक विदेश मंत्री और यूएन में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मलीहा लोधी भी मौजूद थीं।

बता दें कि फाई को 2013 में जेल से रिहा किया गया था। अमेरिकी अदालत ने उसे 2 साल की सजा सुनाई थी। फई को अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने गिरफ्तार किया था। उसे कश्मीर मुद्दे पर भारत विरोधी गतिविधियों के लिए दोषी पाया गया था। फई ने आईएसआई का फंड देकर कश्मीर में आतंकवादियों की मदद की थी। इसके बाद भारतीय अदालत ने भी उसे दोषी ठहराया था। उसने अमेरिका की एक अदालत में इस बात को स्वीकार किया था कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए काम करता है।

इसके साथ ही उसने स्वीकार किया था कि वह आईएसआई से गोपनीय तरीके से पैसे लेकर कश्मीर में आतंकवादियों को भेजता था। उसने यह बताया था कि वह ‘कश्मीरी अमेरिकन काउंसिल’ नाम का संगठन भी चलाता था। 2011 में यूएस अटॉर्नी जनरल मैकब्राइड ने कहा था कि ‘बीते 20 सालों से फई पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से गोपनीय तरीके से करोड़ो डॉलर ले रहा था लेकिन उसने कभी इसकी भनक तक नहीं लगने दी और अमेरिकी सरकार से झूठ बोला।’