जर्मनी में सोमवार (19 दिसंबर) की रात हुए हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन स्थित क्रिसमस मार्केट में भीड़ के बीच एक ट्रक तेज रफ्तार से घुस गया जिसकी चपेट में कई आम लोग आ गए। इस हमले में  मरने वालों की संख्या 12 हो चुकी है। वहीं करीब 50 घायल हैं। जर्मन पुलिस ने हमले के संदेह में एक 23 वर्षीय पाकिस्तानी युवक को गिरफ्तार किया था लेकिन सबूत के अभाव में उसे मंगलवार शाम छोड़ दिया गया। पुलिस को हमला करने वाले ट्रक के ड्राइवर की तलाश है। पाकिस्तानी युवक ने जर्मनी में शरण के लिए आवेदन कर रखा है।

इस्लामिक स्टेट से जुड़ी समाचार एजेंसी अमाक़ न्यूज के अनुसार ये हमला उनके जिहादी ने किया है। एजेंसी की खबर में कहा गया है, “इस्लामिक स्टेट के एक सिपाही ने बर्लिन का जनसंहार को अंजाम दिया है।” समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार आईएस ने दावा किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई में शामिल देशों पर हमला करने की उनकी अपील के बाद इस हमलावर ने बर्लिन में हमला किया। हालांकि अभी तक आईएस के दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं की जा सकी है।

हमले के लिए जिम्मेदार हमलावर की अभी तक पुख्ता पहचान नहीं की जा सकी है। एएफपी के अनुसार संदिग्ध के रिहा किए जाने के बाद देश में भय और असुरक्षा की भावना है। हमले में इस्तेमाल किया गए ट्रक पर “पुलिस ड्यटू पर” लिखा था। हमलावर ने क्रिसमस की खरीदारी में व्यस्त आम लोगों पर ट्रक चढ़ा दिया जिसमें कई आम नागरिक कुचले गए और दुकानें नष्ट हो गईं।

इसी साल जुलाई में फ्रांस के नीस शहर में एक आतंकी ने ट्रक को एक परेड में शामिल लोगों को कुचल दिया। नीस हमले में 86 लोगों की मौत हो गई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली थी। बर्लिन में हुए इस हमले से पहले सोमवार को ही तुर्की में रूसी राजदूत की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। रूसी राजदूत की हत्या करने वाला शख्स तुर्की पुलिस के अधिकारी था। घटना के वक्त वो ड्यूटी पर नहीं था।