बीते दिनों अमेरिकी हमले में ईरान के टॉप मिलिट्री कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से अमेरिका और ईरान के रिश्तों में तनाव चरम पर पहुंच गया है। अब खबर आयी है कि ईरान ने पूरी अमेरिकी सेना को ‘आतंकी’ घोषित कर दिया है। वहीं अमेरिका ने ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ को अमेरिका का वीजा देने से इंकार कर दिया है। बता दें कि मोहम्मद जरीफ को न्यूयॉर्क में होने वाली संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद की बैठक में शामिल होना था। रायटर्स के हवाले से यह खबर आयी है।
अमेरिकी ड्रोन हमले में कासिम सुलेमानी की मौत के बाद से ईरान में अमेरिका के खिलाफ काफी गुस्सा है। सोमवार को जब ईरान में कासिम सुलेमानी की अंतिम यात्रा निकली तो लाखों लोग मिलिट्री कमांडर की अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए सड़कों पर उतर आए। इस दौरान लोग रोते नजर और अमेरिका के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए। ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमेनई ने नम आंखों के साथ कासिम सुलेमानी के जनाजे की नमाज पढ़ी।
ईरान ने अपने मिलिट्री कमांडर की हत्या के बाद साल 2015 के परमाणु समझौते से भी हटने का ऐलान किया। इसका मतलब ये है कि ईरान अब यूरेनियम संवर्धन बढाएगा और हो सकता है कि परमाणु बम बनाने की दिशा में आगे बढ़े। हालांकि ईरान ने अभी परमाणु अप्रसार संधि का पालन करने की बात कही है। वहीं जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के नेताओं ने ईरान से अपील की है कि वह परमाणु समझौते का उल्लंघन ना करे। अमेरिका पहले ही इस समझौते से अलग हो चुका है।
ईरान के लोगों में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ इतना गुस्सा है कि वहां ईरान की एक संस्था ने ट्रंप की हत्या करने वाले को 80 मिलियन डॉलर का इनाम देने की घोषणा की है। संस्था ने इनाम की राशि जुटाने के लिए सभी देशवासियों से 1-1 डॉलर दान देने की अपील की है। डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर ही कासिम सुलेमानी के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी।
वहीं इराक की संसद ने भी एक प्रस्ताव पास कर अमेरिकी सैनिकों को देश छोड़कर जाने को कह दिया है। यदि इराक सरकार अपने इस प्रस्ताव पर अमल करती है तो यह अमेरिका के लिए रणनीतिक तौर पर एक बड़ा झटका होगा, क्योंकि इससे अमेरिका की पश्चिम एशिया में पकड़ कमजोर हो सकती है।