Pakistan Hit Record Inflation: पाकिस्तान में महंगाई लगातार सभी रिकॉर्ड तोड़ रही है। गृहयुद्ध जैसे हालात भी बढ़ते जा रहे हैं। जरूरी चीजें लोगों की पहुंचे से बाहर हो गई हैं। इसी बीच मुद्रास्फीति के ताजा आंकड़ों ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की पोल खोल दी है। पड़ोसी देश में मुद्रास्फीति की दर 37.97 फीसदी तक पहुंच गई है। पाकिस्तान एशिया के उन देशों में शामिल है जहां महंगाई की दर सबसे अधिक है। पाकिस्तान को आईएमएफ से ही आखिरी उम्मीद बची है।
क्या दिवालिया होने वाला है पाकिस्तान?
पाकिस्तान के सामने दिवालिया होने का संकट लगातार बढ़ता जा रहा है। विदेशी कर्ज के आंकड़ों के कारण अर्थव्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अभी तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। आंकड़ों की बात करें तो मई महीने में पाकिस्तान की महंगाई दर 38 फीसदी तक पहुंच गई थी। पाकिस्तान में दूध से लेकर सब्जी, आटा, तेल और अन्य जरूरी चीजों के दाम सातवें आसमान पर हैं।
हालत यह है कि पाकिस्तान के बाद कर्मचारियों का वेतन देने के लिए भी कोष कम पड़ने लगा है। सरकारी खर्चों में लगातार कटौती की जा रही है। इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद बिगड़े हालात ने परेशानी और बढ़ा दी है। दूसरी तरफ अगर भारत की बात करें तो पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार के तहत भारत में मुद्रास्फीति की दर 4.7 फीसदी है, जो अक्टूबर 2021 के बाद सबसे कम है, जबकि खाद्य मुद्रास्फीति सिर्फ 3.8 प्रतिशत है। जीडीपी के मामले में भारत की स्थिति कई बड़े देशों से बेहतर है।
आईएमएफ से मांगी मदद
पाकिस्तान को आईएमएफ से ही मदद की मदद की दरकार है। कई बार वह आईएमएफ के सामने हाथ फैला चुका है लेकिन आईएमएफ की ओर से मदद के लिए शर्तें लगाई गई हैं। आईएफएफ ने साफ कह दिया है कि जब तक पाकिस्तान शर्तों को पूरा नहीं करेगा उसे कोई मदद नहीं दी जाएगी। पाकिस्तान का मानना है कि अगर इस महीने आईएमएफ बोर्ड की बैठक नहीं होने के कारण आर्थिक स्थिति खराब होती है तो चीन से आर्थिक मदद मिल सकती है।
