अमेरिका में राष्ट्रपति पद के दो उम्मीदवारों का समर्थन करने के मामले में भारतीय अमेरिकियों की राय बंटी हुई है। कुछ रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से उम्मीदवार का समर्थन यह कहते हुए कर रहे हैं कि वे अपने हमलों में आक्रमक हैं जबकि अन्य का कहना है कि पूर्व विदेश मंत्री (हिलेरी) को शासन चलाने का ज्यादा तर्जुबा है।मिसिसिपी में रहने वाले संपत शिवांगी ने कहा कि राष्ट्रपति पद की बहस सबसे गरमागर्म बहसों में एक थी।इंडियन- अमेरिकन फोरम फॉर पॉलिटिकल एजुकेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रिपब्लिकन डिलिगेट शिवांगी ने कहा कि ट्रंप, हिलेरी पर हमले को लेकर आक्रमक थे और वह नरम दिख रही थीं। बहस ने ट्रंप के अभियान को एक नया जीवन दिया है। उन्होंने कहा कि लेकिन उन्होंने विदेशी नीति पर चर्चा के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया और वे मुद्दे पर एक जानकार और पकड़ के रूप में सामने आई। नीतिगत मामलों पर ट्रंप लड़खड़ाते दिखे। अगले दो दिन ट्रंप के अभियान की किस्मत तय करेंगे कि रिपब्लिकन पार्टी के और कितने नेता उनका साथ छोड़ते हैं।
ट्रंप के खिलाफ प्रचार कर रहे, समुदायिक नेता राजदीप सिंह जौली ने कहा ‘इस बहस के बाद मुझे उम्मीद है कि हिन्दू कॉलिशन, सीनेटर जॉन मैक्केन और रिपब्लिकन पार्टी के अन्य नेताओं का अनुशरण करेंगे और डोनाल्ड ट्रंप से अपना समर्थन वापस लेंगे। ट्रंप मूल रूप से एक मनोरंजन करने वाले हैं और मुझे नहीं लगता है कि हमें परमाणु हथियारों तक एक मनोरंजन करने वाले की पहुंच होनी चाहिए।’