सिंगापुर में एक भारतीय व्यक्ति पर मॉल के बाहर शौच करने के लिए जुर्माना लगाया गया है। सिंगापुर के मरीना बे सैंड्स स्थित ‘द शॉप्स’ मॉल के प्रवेश द्वार पर शौच करने वाले भारतीय श्रमिक पर बृहस्पतिवार को 400 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना लगाया गया। यह घटना पिछले साल 30 अक्टूबर की है।

‘टुडे’ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार कंस्ट्रकशन वर्कर रामू चिन्नारसा (37) ने पर्यावरणीय सार्वजनिक स्वास्थ्य (सार्वजनिक सफाई) विनियमों के तहत जुर्म कुबूल कर लिया है। दरअसल पिछले साल अक्टूबर में फेसबुक पर घटना की एक तस्वीर सार्वजनिक हुई थी। समाचारपत्र में प्रकाशित खबर के अनुसार इससे पहले रामू ने तीन बोतल शराब पी थी और ‘मरीना बे सैंड्स कैसीनो’ में जुआ खेला था।

सुबह करीब पांच बजे वह कसीनो से बाहर निकला। वह शौच के लिए जाना चाहता था लेकिन बेहद नशे में होने के कारण वह शौचालय नहीं जा सका और उसने मॉल के प्रवेश द्वार पर ही शौच किया।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद दर्ज हुआ केस

खबर के अनुसार इसके बाद वह ‘मरीना बे सैंड्स’ के बाहर ही एक पत्थर की बेंच पर सो गया, फिर लगभग सुबह 11 बजे वह क्रांजी स्थित अपने डॉरमेट्री लौटा। उप लोक अभियोजक (डीपीपी) एडेल ताई ने कहा कि मरीना बे सैंड्स के एक सुरक्षा अधिकारी ने उसी दिन सोशल मीडिया पर रामू से जुड़ा वीडियो देखा और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।

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जज ने लगाया 400 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना

‘टुडे’ के अनुसार, मामले की सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट जज क्रिस्टोफर गो एंग चियांग ने रामू से कहा, ‘‘खुद को शराब के नशे में इतना धुत मत कर लो कि इस तरह की घटनाएं हों। अगर इस तरह की घटना फिर हुई तो इससे भी ज्यादा जुर्माना लगाया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि आगे ऐसा नहीं होगा।”

भारतीय मूल के व्यक्ति पर 7000 सिंगापुर डॉलर का जुर्माना

ऐसे ही एक मामले में सिंगापुर में एक भारतीय मूल के व्यक्ति पर एक सुरक्षा अधिकारी, पुलिस अधिकारियों और एक अस्पताल में उसका इलाज कर रहे डॉक्टर पर अश्लील टिप्पणी करने के लिए 4,52,088 रुपये (7000 सिंगापुर डॉलर) का जुर्माना लगाया गया।

द स्ट्रेट्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, 30 वर्षीय मोहनराजन मोहन ने बुधवार को उत्पीड़न से संरक्षण अधिनियम के तहत दो आरोपों में दोषी ठहराया। राज्य अभियोजन अधिकारी ए माजिद यूसुफ ने कहा कि 14 अप्रैल को मोहनराजन को बेहोशी की हालत में टैन टॉक सेंग अस्पताल ले जाया गया था। जब अस्पताल के दुर्घटना और आपातकालीन विभाग में एक डॉक्टर द्वारा उसकी जांच की जा रही थी, तो वह जाग गया।

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अभियोजक ने कहा कि नशे में धुत मोहनराजन ने उसे डिस्चार्ज करने पर जोर दिया और डॉक्टर और कर्मचारियों को गाली देना शुरू कर दिया। जब एक सहायक पुलिस अधिकारी ने उसे शांत करने की कोशिश की तो मोहनराजन ने उसे भी भद्दी-भद्दी गालियां दीं।

(इनपुट- पीटीआई/भाषा)