भारत और पाकिस्तान ने गतिरोध तोड़ते हुए रुकी हुई वार्ता प्रक्रिया बहाल करने और मुंबई आतंकी हमले से जुड़े मुकदमे की कार्यवाही तेज करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के उनके समकक्ष नवाज शरीफ के बीच शुक्रवार को इस बारे में अहम चर्चा हुई। मोदी ने अगले साल पाकिस्तान में होने वाले सार्क शिखर सम्मेलन में आने का शरीफ का न्योता स्वीकार कर लिया। बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया जिसमें कश्मीर का कहीं कोई जिक्र नहीं था।
लगभग एक साल में पहली भारत-पाक द्विपक्षीय शिखर वार्ता वार्ता उफा के कांग्रेस हाल में करीब घंटे भर चली। दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन से इतर मिले और तय किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और उनके पाकिस्तानी समकक्ष सरताज अजीज अगले महीने या फिर सितंबर में नई दिल्ली में मुलाकात करेंगे। ये मुलाकात आतंकवाद से जुड़े सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए होगी।
सूत्रों ने बताया कि ये फैसला महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अजीज का पाकिस्तान में काफी सम्मान है और पाकिस्तानी सेना भी उन पर भरोसा करती है। इस काम के लिए वे सही व्यक्ति हैं।
मोदी और शरीफ के बीच बातचीत में मुख्य रूप से आतंकवाद पर चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने पिछले साल नई दिल्ली में मई में द्विपक्षीय वार्ता की थी जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने आए थे। उसके बाद पिछले साल नवंबर में दोनों नेताओं की मुलाकात
काठमांडो में दक्षेस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई। दोनों के बीच उस समय दुआ सलाम ही हुई थी। भारत ने दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच पिछले साल अगस्त में इस्लामाबाद में प्रस्तावित बैठक को पाकिस्तानी उच्चायुक्त के कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से मुलाकात से खफा होकर रद्द कर दिया था।
मोदी और शरीफ की बैठक के बाद संयुक्त बयान जारी किया गया। पांच सूत्रीय रोडमैप दर्शाते एक पृष्ठ के इस बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष मुंबई हमले से जुड़े (पाकिस्तान में चल रहे) मुकदमे की कार्यवाही तेज करने के तौरतरीकों पर चर्चा को सहमत हो गए हैं। इसमें ‘आवाज के नमूने’ मुहैया कराने जैसी अतिरिक्त सूचनाएं शामिल हैं।
मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के पाकिस्तान की अदालत में चल रहे मुकदमे की कार्यवाही लगभग नहीं के बराबर चलने से भारत काफी नाराज था। हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर ए तैयबा के कमांडर जकी उर रहमान लखवी की जमानत पर रिहाई का भी भारत ने कड़ा विरोध किया। पाकिस्तानी सरकार की ओर से अपेक्षित सबूत नहीं पेश नहीं करने के कारण लखवी अदालत से रिहा हो गया।
संयुक्त बयान में कहा गया कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक और उनके समकक्ष पाकिस्तानी रेंजर्स के महानिदेशक के बीच जल्द बैठक होगी और उसके बाद दोनों देशों के सैन्य आपरेशन महानिदेशकों (डीजीएमओ) की भी बैठक होगी। दिलचस्प बात यह है कि न तो संयुक्त बयान में और न ही विदेश सचिव एस जयशंकर और ऐजाज अहमद चौधरी (पाकिस्तानी विदेश सचिव) के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कश्मीर का कोई जिक्र हुआ।
मोदी ने दक्षेस शिखर सम्मेलन के लिए 2016 में पाकिस्तान आने का शरीफ का न्योता स्वीकार कर लिया। पिछले 12 साल में मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे जो पाकिस्तान यात्रा पर जाएंगे। इससे पहले जनवरी 2004 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पाकिस्तान यात्रा पर गए थे।
बयान में कहा गया कि मोदी और शरीफ इस बात पर भी सहमत हुए कि शांति सुनिश्चित करना और विकास को प्रोत्साहित करना भारत और पाकिस्तान की संयुक्त जिम्मेदारी है। ऐसा करने के लिए वे सभी लंबित मुद्दों पर चर्चा को तैयार हैं। बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आतंकवाद की उसके ‘सभी स्वरूपों में’ निंदा की और इस बात पर सहमत हुए कि दक्षिण एशिया से इस खतरे को समाप्त करने के लिए वे एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
दोनों पक्षों ने जिस ताजा सूची का आदान प्रदान किया, उसके मुताबिक 355 भारतीय मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में और 27 पाकिस्तानी मछुआरे भारतीय जेलों में बंद हैं। दोनों पक्षों ने ये भी तय किया कि धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक तंत्र विकसित किया जाएगा।
भारतीय पक्ष ने यह कहते हुए शरीफ की सराहना की कि उन्होंने एक ‘राजनेता’ की तरह रुख अपनाया जो द्विपक्षीय संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिहाज से अच्छा है। शरीफ से जब पूछा गया कि क्या वे आज के घटनाक्रम से खुश हैं तो उनका जवाब था- हां। पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता ने इस्लामाबाद में कहा कि मोदी और शरीफ के बीच बैठक सकारात्मक घटनाक्रम है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय भी पाकिस्तान और भारत के बीच रिश्ते सुधरने में दिलचस्पी रखता है क्योंकि इससे न सिर्फ दोनों देशों बल्कि समूचे क्षेत्र की जनता को लाभ होगा।
गहरे सलेटी बंद गले का कोट पहने मोदी की शरीफ ने अगवानी की और दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और बातचीत शुरू करने से पहले फोटो खिंचवाए। बयान में कहा गया कि बैठक सद्भावपूर्ण माहौल में हुई। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय और क्षेत्रीय हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान प्रदान किया।