अमेरिका ने इस्लामाबाद को 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पाकिस्तान को खतरनाक हक्कनी नेटवर्क के खिलाफ ‘‘संतोषप्रद’’ कार्रवाई करने का कांग्रेशनल सर्टिफिकेट नहीं मिल पाया था। पेंटागन ने कहा है कि उसने पाकिस्तान को पहले ही चेतावनी दे दी थी कि आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करना उसी के हित में होगा।
हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में अमेरिकी हितों, अफगान सरकार और नागरिकों के खिलाफ कई हमलों और अपहरणों को अंजाम दिया है।
इस आतंकी समूह ने अफगानिस्तान में भारतीय हितों पर भी हमला बोला है। इसमें 2008 में अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय मिशन पर किया गया हमला भी शामिल है जिसमें 58 लोगों की मौत हो गई थी।
पेंटागन ने कहा है कि आतंकियों के खिलाफ ‘‘हरसंभव तरीके से’’ कार्रवाई करना पाकिस्तान के हित में है।
पेंंटागन के प्रेस सचिव पीटर कुक ने कल संवाददाताओं से कहा, ‘‘आतंकवाद और आतंकवाद से लड़ाई में हम पाकिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। लेकिन यह खुद पाकिस्तान और अमेरिका के हित में ही होगा कि वह हरसंभव तरीके से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई छेड़े।’’
कुक के मुताबिक पाकिस्तान द्वारा हक्कनी नेटवर्क के खिलाफ संतोषप्रद कार्रवाई नहीं करने के कारण अमेरिकी विदेश मंत्री एश्टन कार्टर ने उसे कांग्रेशनल सर्टिफिकेट नहीं दिया था।
पाकिस्तान के हित में है आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करना: पेंटागन
अमेरिका ने इस्लामाबाद को 30 करोड़ डॉलर की सैन्य मदद रोक दी है।
Written by एजंसी
वाशिंगटन

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First published on: 23-08-2016 at 10:37 IST