पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सेहत को लेकर सोशल मीडिया पर फैल रही अटकलों के बीच सरकार और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के वरिष्ठ नेताओं के बयान आमने-सामने आ गए हैं। प्रधानमंत्री के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने डॉन अखबार से बातचीत में स्पष्ट कहा कि “इमरान खान बिल्कुल ठीक हैं, उनकी तबीयत या सुरक्षा को लेकर चिंता की कोई वजह नहीं है।” उन्होंने बताया कि जेल प्रशासन नियमित रूप से उनकी सेहत, दवाइयों, भोजन और अन्य सुविधाओं का ध्यान रख रहा है।
दूसरी तरफ इमरान खान के बेटे कासिम खान ने एक बेहद चिंताजनक बयान देते हुए कहा है कि पिछले छह हफ्तों से उन्हें अपने पिता के जीवित होने या सुरक्षित होने का कोई प्रमाण नहीं मिला है। कासिम का आरोप है कि सरकार एक “पूर्ण ब्लैकआउट” लागू कर उनके पिता की स्थिति को छिपा रही है।
कासिम ने बताया कि इमरान खान को 845 दिनों से गिरफ्तार रखा गया है, और पिछले कई हफ्तों से उन्हें अडियाला जेल की एक ‘डेथ सेल’ में एकांतवास में रखा गया है, जहां न पारिवारिक मुलाकात की अनुमति है, न फोन कॉल, न ही कानूनी सलाहकारों से मिलने दिया जा रहा है।
उनका कहना है कि इमरान खान की बहनों को भी अदालत से साफ आदेश होने के बावजूद मिलने से लगातार रोका जा रहा है।
कासिम ने X पर लिखा, “छह हफ्तों से हमें कोई फोन कॉल, कोई मीटिंग, कोई संदेश – कुछ भी नहीं मिला। मुझे और मेरे भाई को अपने पिता से किसी भी तरह का संपर्क नहीं कराया गया। सरकार ने ‘जीवन का सबूत’ तक उपलब्ध नहीं कराया है।” कासिम ने इस स्थिति को “सुरक्षा प्रोटोकॉल” नहीं बल्कि जानबूझकर छुपाव की नीति बताया। उनका आरोप है कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि परिवार यह न जान सके कि इमरान खान किस हालत में हैं, या क्या वह सुरक्षित हैं भी या नहीं।
उन्होंने कहा, “यह पूर्ण ब्लैकआउट एक सोची-समझी कोशिश है ताकि हमें यह न पता चल सके कि हमारे पिता किस स्थिति में हैं। अगर सरकार सोचती है कि वह इस अमानवीय व्यवहार से बच जाएगी, तो यह भ्रम है। हम कानूनी, नैतिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे चुनौती देंगे।” कासिम खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी तत्काल हस्तक्षेप की अपील की। उन्होंने मानवाधिकार संगठनों, लोकतांत्रिक देशों और वैश्विक संस्थाओं से कहा कि पाकिस्तान सरकार पर दबाव बनाया जाए ताकि इमरान खान की सुरक्षा का प्रमाण दिया जाए और अदालत द्वारा आदेशित मुलाकातें तुरंत बहाल की जाएं।
उन्होंने लिखा, “अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मेरी अपील है – तुरंत हस्तक्षेप करें। ‘प्रूफ ऑफ लाइफ’ की मांग करें। अदालत से मंजूर मुलाकातें लागू कराएं। इस अमानवीय एकांतवास को खत्म करवाएं और पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता की रिहाई की मांग करें, जिन्हें केवल राजनीतिक कारणों से कैद किया गया है।”
इस बीच, पाकिस्तान सरकार और उनके सलाहकार यह दावा कर रहे हैं कि इमरान खान बिल्कुल सुरक्षित हैं और उनकी सेहत को लेकर कोई खतरा नहीं है। पीटीआई नेतृत्व लगातार मांग कर रहा है कि पार्टी संस्थापक इमरान खान से मुलाकात की अनुमति दी जाए। उनका कहना है कि पिछले तीन सप्ताह से न परिवार को, न वकीलों को उनसे मिलने दिया गया है, जिससे चिंता बढ़ती जा रही है।
इमरान खान को 2023 से भ्रष्टाचार के एक मामले में 14 साल की सजा के तहत अडियाला जेल में रखा गया है। हालांकि, तीन सप्ताह से PTI के नेताओं को भी उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई है, जिससे अटकलें और तेज हो गई हैं। इसी बीच सोशल मीडिया पर यह चर्चा भी तेज हो गई कि 73 वर्षीय इमरान खान को किसी हाई-सिक्योरिटी प्लेस में स्थानांतरित किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में मुलाकातें और भी कठिन हो जाएंगी।
हालांकि ARY न्यूज से बातचीत में राणा सनाउल्लाह ने इन सभी कयासों को खारिज किया। उन्होंने कहा, “यह सब गलत है। वह पूरी तरह ठीक हैं। डॉक्टरों की एक टीम प्रतिदिन और साप्ताहिक चेक-अप करती है। उन्हें सभी सुविधाएं मिल रही हैं, और उन्हें किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की कोई योजना नहीं है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कभी स्थानांतरण की जरूरत पड़े, तो अदालत को पहले सूचना देना अनिवार्य होगा।
डॉनन्यूज़टीवी पर पीटीआई के वरिष्ठ नेता और सीनेटर अली ज़फर ने भी कहा कि मीडिया रिपोर्टें गलत साबित हुई हैं, लेकिन इसके बाद मुलाकात की अनुमति देना और भी ज़रूरी हो गया है। उनके अनुसार, “जब तक हम खुद उनसे मिलकर यह न देख लें कि वह ठीक हैं, तब तक किसी को भरोसा नहीं होगा।” उन्होंने बताया कि पार्टी ने यह मुद्दा सीनेट में भी उठाया है और गृह राज्यमंत्री तलाल चौधरी से मुलाकात की प्रक्रिया आसान करने की मांग की है।
पीटीआई के केंद्रीय सूचना सचिव वक़ास अख़्तर ने भी कहा कि इमरान खान को नुकसान पहुंचाए जाने की अफवाहें “बेबुनियाद” हैं, लेकिन सरकार को तुरंत मुलाकात की अनुमति देनी चाहिए। सोशल मीडिया पर “Where is Imran Khan?” टॉप ट्रेंड बन गया है, और जनता सवाल उठा रही है कि क्या पूर्व प्रधानमंत्री वास्तव में सुरक्षित हैं या नहीं – वही सवाल उनके बेटे भी पूरी दुनिया के सामने रख रहे हैं।
