Imran Khan No-Trust Vote : इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने को लेकर विपक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट अब सोमवार को सुनवाई करेगा। रविवार को कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि पीएम से लेकर राष्ट्रपति तक के फैसले कोर्ट के अधीन हैं।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने ट्वीट करके कहा है कि इमरान खान ने संविधान को रौंद दिया है। वहीं आज के घटनाक्रम से पाक सेना ने दूरी बना ली है। सेना का कहना है कि उसका इन सबसे कोई लेना देना नहीं है। यह एक राजनीतिक प्रक्रिया है।
इससे पहले पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर इसे खारिज किया है।
अविश्वास प्रस्ताव के खारिज होने से नाराज विपक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। विपक्ष का कहना है कि इमरान खान ने संविधान का उल्लघंन किया है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एक स्पेशल बेंच का गठन कर दिया है। वहीं इन घटनाक्रमों के बीच अटॉर्नी जनरल ने इस्तीफा दे दिया है।
विपक्ष के सदस्य जब सदन में पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया। विपक्ष को खान को सरकार से बाहर करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है जबकि उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 177 सदस्यों को समर्थन है।
संयुक्त विपक्ष ने आठ मार्च को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था जिसके बाद मतदान का दिन तय करने को लेकर कई घटनाएं हुईं और तनाव बढ़ा, क्योंकि खान ने दावा किया कि उन्हें विपक्ष के शीर्ष नेताओं के सहयोग से ‘विदेशी साजिश’ के तहत निशाना बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के समर्थकों, खासकर युवाओं से शनिवार को अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘‘विदेशी षड्यंत्र’के खिलाफ रविवार को ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें।
पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने ट्वीट कर कहा है कि संसद भंग होने के बाद अब 90 दिनों के अंदर चुनाव कराए जाएंगे।
अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने के फैसले को सुप्रीम में विपक्ष ने चुनौती दी है। अब शीर्ष न्यायलय ने इस मामले में जांच के लिए एक विशेष पीठ का गठन किया है।
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद और डिप्टी अटॉर्नी जनरल राजा खालिद महमूद खान ने पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार इस्तीफा दे दिया है।
पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री फवाद हुसैन ने ट्वीट करके कहा है कि प्रधानमंत्री संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत अपने कर्तव्यों को जारी रखेंगे। वहीं मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने पीएम इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया है। संसद में अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा कि उन्होंने अल्वी से संसद भंग करने को कहा है और नए सिरे से चुनाव कराने का आह्वान किया है। खान ने कहा- “मैं पाकिस्तान के लोगों से चुनाव की तैयारी करने का आह्वान करता हूं।”
पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने को लेकर कहा है कि सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा- “अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने दिया। हम संसद नहीं छोड़ रहे हैं। हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं…”।
इमरान खान ने इससे पहले कहा था, “ मैच आखिरी गेंद तक खत्म नहीं होता है, मैं कल के लिए फिक्रमंद नहीं हूं… इंशाअल्लाह (अल्लाह ने चाहा तो) हम जीत जाएंगे।” शनिवार को यहां प्रधानमंत्री आवास में सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों को संबोधित करते हुए उन्होंने शरीफ पर तंज कसते हुए कहा कि जिन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के लिए ‘शेरवानी’ तैयार रखी है, उन्हें नहीं पता कि उनके साथ रविवार को क्या होने वाला है।
दरअसल, क्रिकेटर से राजनेता बने खान (69) अविश्वास प्रस्ताव का सामना कर रहे थे जो विपक्ष के नेता शरीफ ने 28 मार्च को नेशनल (कौमी) असेंबली में पेश किया था, जिस पर मतदान होना था। पर डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का हवाला देते हुए उसे खारिज कर दिया।
खान को, उन्हें प्रधानमंत्री पद से बेदखल करने की विपक्ष की कोशिश को नाकाम करने के लिए निचले सदन में 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है।
वहीं, विपक्ष का दावा था कि उसके पास 175 सांसदों का समर्थन है और खान को प्रधानमंत्री पद से फौरन इस्तीफा दे देना चाहिए। खान आंकड़ों के खेल में पिछड़ते दिख रहे थे और अहम सहयोगियों ने उनका साथ छोड़ दिया था। कई बागी सांसदों ने उनके खिलाफ मतदान करने का संकल्प लिया था।
कुल सीटें- 342
बहुमत – 172
इमरान के साथ – 142
खिलाफ – 199
– भावुक अपील
– इस्तीफा
– सभी सांसदों का इस्तीफा
– सड़क पर आने की संभावना
– संसद में नहीं आना
खान 2018 में सत्ता में आए थे और उनके दो सहयोगी दलों ने उनका साथ छोड़ विपक्षी खेमे का दामन थाम लिया है। खान ने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और आखिरी गेंद तक खेलेंगे तथा रविवार को संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करेंगे।
प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं से अपील की कि वे उनकी सरकार के खिलाफ कथित रूप से रचे गए ‘‘विदेशी षड्यंत्र’के खिलाफ ‘‘शांतिपूर्ण प्रदर्शन’ करें। उन्होंने यह भी कहा कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव पर रविवार को होने वाले अहम मतदान के लिए एक से ज्यादा योजनाएं हैं।
पाकिस्तान में आजतक किसी भी प्रधानमंत्री ने पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है और न ही किसी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया गया है। खान, अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने वाले तीसरे प्रधानमंत्री हैं। संघीय सरकार में एक उच्च स्तरीय सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सरकार और संयुक्त विपक्ष के बीच अविश्वास प्रस्ताव पर पिछले दरवाजे से बातचीत जारी है।
शरीफ का देशद्रोह पर बयान ऐसे वक्त आया है, जब प्रधानमंत्री खान ने आरोप लगाया है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक “विदेशी साजिश” है। शरीफ का आरोप है कि खान हार मानने के बजाय देश को बांटने में मसरूफ हैं और वह संविधान और कानूनी रास्ता अख्तियार नहीं कर रहे हैं। विपक्ष के नेता ने अविश्वास प्रस्ताव से पहले रविवार को खान के प्रदर्शन के आह्वान पर कहा, “ वह (खान) कल संसद में लिए जाने वाले फैसले को नाकाम करने के लिए अपने समर्थकों को उकसा रहे हैं।”
