पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अपनी हत्या का डर सता रहा है। उनका मानना है कि अगर वो बार बार कोर्ट में खुद पेश होने के लिए जाते हैं तो उनकी हत्या हो सकती है। इमरान खान ने देश के मुख्य न्यायाधीश से उनके खिलाफ दर्ज मामलों में उन्हें वीडियो लिंक के जरिए अदालती कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने का अनुरोध किया है।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल को सोमवार को लिखे पत्र में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों को जोड़ने की भी गुजारिश की। इमरान खान ने सोमवार को कहा कि बीते शनिवार को इस्लामाबाद की अदालत में हत्या का एक जाल बिछाया गया था उनको तोशाखाना उपहार मामले में सुनवाई में भाग लेना था। 20 अज्ञात लोग उनको मारने के लिए परिसर में मौजूद थे। इन अज्ञात लोगों के संदर्भ में उनका इशारा खुफिया एजेंसियों के लोगों से था। इमरान खान ने एक वीडियो भी दिखायी जिसमें न्यायिक परिसर में सादे कपड़े में कुछ संदिग्ध प्लास्टिक की हथकड़ियां लिए हुए दिखाई दिए।

पीटीआई प्रमुख ने चीफ जस्टिस से इसकी जांच कराने का आग्रह किया कि कैसे ये 20 अज्ञात लोग उच्च सुरक्षा वाले न्यायिक परिसर में घुसे। पाकिस्तान में सैन्य नेतृत्व के खिलाफ सोशल मीडिया पर हो रही चर्चा का हवाला देते हुए खान ने कहा कि मेरी पार्टी को सेना के खिलाफ दिखाने की कोशिश की जा रही है। पीएमएलएन नीत गठबंधन सरकार सेना को उनके खिलाफ करने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

इमरान के खिलाफ दर्ज हुआ है टेरेरिज्म का केस

गौरतलब है कि तोशाखाना मामले में जारी कोर्ट के समन की तामील कराने के लिए पुलिस ने इमरान को गिरफ्तार करने की योजना बनाई थी। लेकिन पुलिस उनको तलाश भी नहीं कर सकी। उनके समर्थकों ने पुलिस के रास्ते में एक तरह से दीवार खड़ी कर दी। हालात इतने ज्यादा बिगड़े कि कोर्ट को कहना पड़ा कि इमरान को गिरफ्तार मत करो। उसके बाद इमरान खुद इस्लामाबाद की कोर्ट में पेशी के लिए पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई। पुलिस ने अगले दिन इमरान खान के खिलाफ टेरेरिज्म का केस दर्ज कर दिया।