आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान ने IMF से 7 बिलियन डॉलर का कर्ज मांगा था जिसे आईएमएफ़ ने मंजूरी दे दी है। यह लोन इस्लामाबाद को 37 महीनों में किस्तों में मिलेगा। पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने लोन को मंजूरी देने के लिए आईएमएफ़ की टीम को धन्यवाद दिया।
अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर के नए लोन को मंजूरी दे दी है। यह मंजूरी दोनों पक्षों द्वारा समझौते पर पहुंचने की बात कहे जाने के दो महीने से अधिक समय बाद दी गई है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को एक बयान में उस सौदे की सराहना की जिस पर उनकी टीम जून से ही आईएमएफ के साथ बातचीत कर रही थी। उन्होंने मंजूरी के लिए आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और उनकी टीम को धन्यवाद दिया। IMF द्वारा पाकिस्तान को ये लोन पाकिस्तान की बीमार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दिया गया है। पाकिस्तान को दिए गए इस लोन में 1 बिलियन डॉलर देश को तुरंत मिलेंगे।
पाकिस्तानी पीएम बोले- चीन और सऊदी अरब ने की मदद
वहीं, दूसरी ओर शरीफ ने पाकिस्तानी मीडिया से कहा कि देश ने चीन और सऊदी अरब की मदद से ऋणदाता की सभी शर्तें पूरी की हैं। उन्होंने कहा, “उनके समर्थन के बिना, यह संभव नहीं होता”, बिना यह बताए कि बीजिंग और रियाद ने सौदे को अंजाम तक पहुंचाने के लिए क्या सहायता प्रदान की थी।
फंस गया पाकिस्तान, 4 साल में चुकाना है 100 बिलियन US डॉलर का कर्ज
पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 130 अरब डॉलर से अधिक
इस महीने की शुरुआत में, पाकिस्तान का विदेशी कर्ज 130 अरब डॉलर से अधिक था, जिसमें लगभग 30 प्रतिशत चीन पर बकाया था। देश को अगले तीन वर्षों में लगभग 90 बिलियन डॉलर का भुगतान करना है और अगला बड़ा भुगतान दिसंबर तक किया जाना है। पाकिस्तान दशकों से मंदी से जूझ रहा है, जिसके कारण 1958 से 22 बार आईएमएफ ने बेलआउट जारी किया है। Lender के आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में देश आईएमएफ का पांचवां सबसे बड़ा कर्जदार है, जिस पर 11 जुलाई तक 6.28 अरब डॉलर का बकाया है।
नवीनतम आर्थिक संकट सबसे लंबा रहा है और इसके चलते पाकिस्तान को अब तक की सबसे ऊंची मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ा है, जिसने देश को आईएमएफ बेलआउट से पहले पिछली गर्मियों में डिफ़ॉल्टर के कगार पर धकेल दिया है।
