बांग्लादेश में 2 महीने से जारी विरोध प्रदर्शन के बीच 5 अगस्त को ऐसा मौका आ गया जब प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के घर की ओर बढ़ रहे थे। सुरक्षा अधिकारियों ने इसकी जानकारी शेख हसीना को दी। सुरक्षा अधिकारी की हालात को लेकर चिंताग्रस्त थे कि अगर भीड़ इसी तरह पीएम हाउस की ओर बढ़ती रही तो कोई बड़ी घटना हो सकती है। शेख हसीना को बांग्लादेश से भागने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि उनके अधिकारियों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि प्रदर्शनकारियों को ढाका के शाहबाग से प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास गणभवन तक पहुंचने में सिर्फ़ 45 मिनट लगेंगे।
लंदन में बेटे को किया फोन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भीड़ लगातार पीएम हाउस की ओर बढ़ रही थी। अधिकारियों ने शेख हसीना को बता दिया था कि अब बल प्रयोग से स्थिति को नियंत्रित करना संभव नहीं होगा। हसीना इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं थीं। अधिकारियों ने हसीना की छोटी बहन शेख रेहाना से अलग कमरे में बात की। उन्हें पूरी स्थिति की जानकारी दी गई और उन्हें शेख हसीना को मनाने के लिए कहा गया। रेहाना ने तब हसीना से बात की लेकिन वह सत्ता छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं। इसके बाद एक अधिकारी ने लंदन में अपने बेटे सजीब वाजेद जॉय को फोन किया। जॉय ने अपनी मां से फोन पर बात की। उन्होंने शेख हसीना को इस्तीफे के लिए मना लिया।
देश को संबोधित करने का था प्लान लेकिन आखिरी समय हुआ कैंसिल
शेख हसीना देश छोड़ने से पहले देश के नाम संबोधन देना चाहती थीं। उन्होंने देश को संबोधित एक भाषण रिकॉर्ड करने की इच्छा व्यक्त की। हालांकि भीड़ बहुत तेजी से पीएम हाउस की ओर बढ़ रही थी। इसके लिए पर्याप्त समय नहीं होने के कारण उन्हें 45 मिनट के भीतर जाने के लिए तैयार होने को कहा गया। शेख हसीना की दोनों बहनें तेजगांव स्थित पुराने हवाई अड्डे के हेलीपैड पर गईं। इसके बाद शेख हसीना का इंतजार किया जा रहा था। दोपहर करीब 2:30 बजे हसीना और रेहाना सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हुईं। इस बीच शेख हसीना ने अपने इस्तीफे की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए बंगभवन का दौरा भी किया।
सेना ने दिया था 45 मिनट का समय
बांग्लादेश में आर्मी ने शेख हसीना को देश छोड़ने के लए 45 मिनट का समय दिया था। इसके बाद शेख हसीना और बहन शेख रेहाना तेजगांव में पुराने हवाई अड्डे के हेलीपैड पर आईं। उनका कुछ सामान लोड किया गया और फिर वे बंगभवन चली गईं। शेख हसीना ने वहां अपने इस्तीफे की औपचारिकताएं पूरी कीं और दोपहर करीब 2:30 बजे शेख हसीना और उनकी छोटी बहन सैन्य हेलीकॉप्टर से भारत के लिए रवाना हुईं। भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद, हेलीकॉप्टर ने कुछ समय तक चक्कर लगाया और बाद में अगरतला में बीएसएफ के हेलीपैड पर उतरा। वह वहां से दिल्ली गईं और सोमवार शाम को हिंडन में भारतीय सैन्य एयरबेस पर उतरीं।