अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 5 नवंबर को होना है, हालांकि महीनेभर पहले से ही यहां मतदान हो रहे हैं। रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस चुनाव प्रचार में जुटे हैं। दो सप्ताह पहले ही शुरू हो चुकी ‘अर्ली वोटिंग’ में राष्ट्रपति चुनाव के लिए करीब 2 करोड़ 10 लाख वोट डाले जा चुके हैं। भारत और अमेरिका में चुनाव प्रक्रिया एकदम अलग हैं। 

भारत और अमेरिका में कैसे अलग है वोटिंग प्रक्रिया? 

भारत और अमेरिका में वोटिंग के तरीकों में फर्क होता है। भारत में चुनाव के निर्धारित वाले दिन ही वोट डाले जाते हैं। पोस्टल वोट के लिए भी सबको अनुमति नहीं होती है, यह सिर्फ सरकारी अधिकारी या चुनाव ड्यूटी कर रहे अधिकारी ही कर सकते हैं। वहीं अमेरिका में पोस्ट, ड्रॉप बॉक्स और डायरेक्ट वोटिंग की जा सकती है।

ज्यादातर स्टेट्स और काउंटियों में मतदान से एक हफ्ते पहले ही केंद्र खुल जाते हैं जहां पहले ही वोट डाला जा सकता है। वॉशिंगटन, ऑरेगन, हवाई, यूटा और कोलोराडो में डाक और ड्रॉप बॉक्स के जरिए ही वोटिंग होती है। चुनाव के दिन से पहले जिन वोटों पर मोहर लगी होगी उनको वैलिड माना जाता है।

अमेरिका में पहली सीढ़ी प्राइमरी इलेक्शन होता है। इसका कोई लिखित निर्देश नहीं है लेकिन सभी राज्यों में चुनाव कराकर पार्टी अपने प्रबल दावेदार का पता लगाती है। इसमें लोग बताते हैं कि उनका पसंदीदा उम्मीदवार कौन है। कॉकस की प्रक्रिया उन जगहों पर होती है जहां पार्टी की अच्छी पकड़ होती है। कॉकस में पार्टी के ही लोग वोट करते हैं। प्राइमरी में बैलट के जरिए वोटिंग होती है।

प्राइमरी में चुनाव गए प्रतिनिधि कन्वेंशन में हिस्सा लेते हैं यही प्रतिनिधि राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार को चयन करते हैं. इसके बाद शुरू होता है चुनाव प्रचार। उम्मदवार टीवी और डायरेक्ट डिबेट के जरिए मतदाताओं को लुभाने की कोशिश करते हैं। सबसे आखिरी में उम्मीदवार ‘स्विंग स्टेट्स’ के पीछे ताकत झोंकते हैं। ये ऐसे राज्य होते हैं जहां के मतदाता किसी के भी पक्ष में मतदान कर सकते हैं।

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मतदाता अपने-अपने इलेक्टर को चुनते हैं। इलेक्टर किसी न किसी पार्टी का समर्थक ही होता है। यूएस मे कुल 538 इलेक्टर चुने जाते हैं जो कि इलेक्टोरल कॉलेज बनाते हैं। इसके बाद आम जनता की प्रतिभागिता खत्म हो जाती है। अब इलेक्टर वोट देते हैं और राष्ट्रपति का चुनाव करते हैं। सरकार बनाने के लिए कम से कम 270 इलेक्टर्स की जरूरत होती है।