WHO On Coronavirus Origin: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बुधवार को चीन से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को समझने के लिए कोविड-19 से संबंधित डेटा साझा करने के लिए कहा। संगठन की वेबसाइट पर एक बयान में WHO प्रमुख ने कहा, “हम चीन से इस वायरस की उत्पत्ति को बेहतर ढंग से समझने के लिए अध्ययनों और डेटा साझा करने के लिए कहते हैं।”
Corona Virus के ओरिजिन की जांच के लिए WHO ने मांगा चीन से डाटा
डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने संगठन की वेबसाइट पर एक बयान में कहा, “हम इस वायरस के कारणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए चीन से डाटा साझा करने का अनुरोध करते हैं।” हाल ही में एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया कि कोरोना वायरस एक मैन मेड वायरस था। अमेरिकी वैज्ञानिक ने अपनी किताब में कहा कि इस वायरस को बनाने के लिए अमेरिका भी चीन के साथ जिम्मेदार है।
एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, WHO कुछ समय के अंतराल में ये तय करने के लिए बैठक करता रहता है कि क्या लाखों लोगों की जान लेने वाला कोरोना वायरस अभी भी अंतरराष्ट्रीय चिंता का कारण है। WHO प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले साल तक COVID-19 महामारी को ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी नहीं माना जाएगा। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि अगले साल किसी समय हम यह कह सकेंगे कि कोविड-19 अब वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल नहीं है।”
मानव निर्मित है Corona Virus- अमेरिकी वैज्ञानिक का दावा
हाल ही में चीन की वुहान (Wuhan) लैब में काम कर चुके एक अमेरिकी वैज्ञानिक ने दावा किया था कि कोविड-19 एक मानव निर्मित वायरस था और यह इसी लैब से लीक हुआ था। ‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ में अमेरिका स्थित शोधकर्ता एंड्रयू हफ के बयान के हवाले से बताया कि दो साल पहले वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी से कोरोनावायरस लीक हुआ था। यह लैब चीन सरकार द्वारा संचालित और वित्त पोषित है। एंड्रयू हफ ने अपनी किताब ‘द ट्रुथ अबाउट वुहान’ में दावा किया था कि यह महामारी अमेरिकी सरकार के चीन में कोरोना वायरस रिसर्च की फंडिंग के कारण हुई थी। हफ की किताब के कुछ अंश ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ में प्रकाशित किए गए थे।