HMPV Virus Case: कोविड-19 महामारी के लगभग पांच साल बाद जिसने दुनिया को बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के लिए मजबूर किया, चीन एक और स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। इस बार ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरस का चीन में प्रकोप देखने को मिल रहा है। वहीं, इस वायरस से केवल चीन ही नहीं बल्कि दुनिया के कई और भी देश प्रभावित होने शुरू हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस पर चुप्पी साध ली है। अभी तक किसी भी तरह का औपचारिक बयान नहीं दिया है।
चीन के बाद मलेशिया ने हाल के महीनों में HMPV संक्रमणों में बढ़ोतरी देखी है। स्ट्रेट टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मलेशियाई स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता से HMPV के प्रसार को रोकने के लिए एहतियात बरतने का आग्रह किया है। मंत्रालय ने सलाह जारी करते हुए कहा कि साबुन से बार-बार हाथ धोए, चेहरे पर मास्क पहने और खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढके। इतना ही नहीं अधिकारी पूरी स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।
हांगकांग में भी मामले आए सामने
चीन के पड़ोसी देश हांगकांग में भी HMPV के मामले सामने आए हैं। हालांकि, वहां पर संख्या कम है। दक्षिण अफ्रीकी ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन समाचार रिपोर्ट के अनुसार, जापान समेत पड़ोसी देश स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं। जापान ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जापान में इन्फ्लूएंजा के प्रकोप ने पहले ही हजारों मामलों को जन्म दे दिया है। वहीं कंबोडिया और ताइवान भी इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं।
एचएमपीवी वायरस क्या है?
एचएमपीवी एक वायरल संक्रमण है। इस वायरस से हर उम्र के लोग प्रभावित हो सकते हैं। हालांकि, बूढ़े लोग और पांच साल से कम उम्र के बच्चों पर इसका असर ज्यादा पड़ सकता है। ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस पहली बार 2001 में रिपोर्ट किया गया था। स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले लोगों का कहना है कि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है क्योंकि यह दुनिया के कई हिस्सों में पहले ही रिपोर्ट किया जा चुका है। इसलिए, एचएमपीवी को एक खतरनाक नया वायरस नहीं माना जा सकता जो कहर बरपा सकता है। वहीं इसके लक्षणों पर गौर करें तो इसके लक्षणों में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और थकान शामिल हैं और इनका इनक्यूबेशन पीरियड तीन से छह दिन का होता है। कोविड-19 के उलट HMPV के लिए कोई वैक्सीन नहीं है। क्या चीन में नए वायरस की वजह से घोषित किया गया आपातकाल? पढ़ें पूरी खबर…