दुनियाभर में आतंक की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ किस तरह भेदभाव होता है, इसका ताजा उदाहरण सामने आ गया है। इस्लामाबाद में अब हिंदुओं का मंदिर नहीं बनाया जा सकेगा क्योंकि पाक सरकार के अंतर्गत आने वाली कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (CDA) ने मंदिर के लिए जमीन का आवंटन रद्द कर दिया है।
पहले इमरान खान सरकार के लोग इस बात को लेकर अपनी पीठ ठोक रहे थे कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव नहीं होता, लेकिन अब मंदिर के लिए जमीन आवंटन रद्द होने से ये जगजाहिर हो गया है कि पाक सरकार के मंसूबे क्या हैं। अब इस मुद्दे को लेकर पाक सरकार ने चुप्पी साध ली है।
कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी (CDA) के वकील जावेद इकबाल ने इस फैसले की जानकारी इस्लामाबाद हाई कोर्ट को भी दे दी है क्योंकि हाई कोर्ट इस पूरे मामले पर नजर बनाए हुए था।
इकबाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि पाक सरकार ने इस मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी थी लेकिन अब उसने ग्रीन एरिया में नए निर्माण पर रोक लगा दी है। इस कारण ये मंदिर नहीं बन सकेगा।
बता दें कि इमरान सरकार ने ही इस मंदिर के निर्माण को मंजूरी दी थी और साल 2017 में जमीन भी अलॉट की गई थी, जिसमें मंदिर के अलावा कम्युनिटी सेंटर और श्मशान घाट भी बनाया जाना था। जमीन के आवंटन के लिए धार्मिक मामलों के विभाग से सलाह भी ली गई थी। लेकिन अब ये मामला लटकता हुआ दिखाई दे रहा है।
मंदिर के लिए जमीन का आवंटन रद्द होने से हिंदू समुदाय को काफी धक्का लगा है। पहले लोगों को उम्मीद थी कि अगर ये मंदिर बन गया तो वे यहां जमा होकर अपने त्यौहारों को मना सकेंगे और श्मशान में दाह संस्कार भी कर सकेंगे। लेकिन अब सारी उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
बता दें कि कुछ दिन पहले पाकिस्तान में पूजा स्थलों को निशाना भी बनाया गया था। सिंध प्रांत के कोटरी में एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ की खबर सामने आई थी। इस घटना के बाद से स्थानीय हिंदुओं में निराशा का माहौल था।