भारत में अफ्रीकी नागरिकों पर हमले की घटनाओं की निंदा करते हुए उपराष्ट्रपति एम हामिद अंसारी ने कहा कि अफ्रीकी छात्र भारत में मेहमान हैं और सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति पूरी तरह कृतसंकल्प है। मोरक्को की राजधानी पहुंचने से पहले उपराष्ट्रपति ने विशेष विमान में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि हमला किसी पर भी हो, चाहे अपने लोग हों या अतिथि, यह निंदनीय है। कोई भी सरकार हर तरह की हिंसा की निंदा करने से अलग कुछ नहीं कह सकती।

अंसारी ने कहा कि इस तरह की घटनाओं की कड़ी से कड़ी निंदा की जानी चाहिए । अफ्रीकी छात्र भारत में मेहमान हैं और सरकार उनकी सुरक्षा के प्रति कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीकी देश मोरक्को और ट्यूनीशिया के साथ अपने पारंपरिक मजबूत संबंधों को और प्रगाढ़ बनाएगा। ये दोनों देश अफ्रीका में भारत के महत्त्वपूर्ण साझेदार हैं। हमने 1947 से पहले अफ्रीका को उपनिवेशवाद से मुक्त बनाने की बात कही। इस बारे में पूर्व की संप्रग सरकार और वर्तमान राजग सरकार के रुख में कोई अंतर नहीं है। अंसारी मोरक्को और ट्यूनीशिया की अपनी आधिकारिक यात्रा पर हैं। वे 30 मई से 3 जून तक इन देशों के दौरे पर हैं।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि मोरक्को के साथ हमारा बहुत ही घनिष्ठ आर्थिक संबंध है। भारत मोरक्को से कृषि के लिए जरूरी फॉस्फेट का आयात करता है। इसके अलावा आॅटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हमारे संबंध बढ़ते जा रहे हैं। अंसारी ने मोरक्को में फिल्मों की शूटिंग की ओर भी इशारा किया। उल्लेखनीय है कि भारत और मोरक्को के बीच एक अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार होता है।

ट्यूनीशिया से भारत के संबंधों की चर्चा करते हुए उपराष्ट्रपति ने ट्यूनीशिया में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तारीफ की और कहा कि विभिन्न विचारों वाली पार्टियां अरब स्प्रिंग के बाद एक साथ काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्यूनीशिया भी फॉस्फेट व्यापार के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण देश है। वहां भी आर्थिक सहयोग और भारतीय निवेश की संभावना है। मोरक्को और ट्यूनीशिया के साथ आतंकवाद पर रोक लगाने संबंधी समझौते पर उन्होंने कहा कि भारत इन देशों के साथ खुफिया सूचनाएं साझा करने का काम कर रहा है।

उपराष्ट्रपति ने आतंकवाद को रोकने के लिए रियल टाइम साइबर सिक्योरिटी से संबंधित सूचनाएं साझा करने पर जोर दिया। अफ्रीका में चीन की मौजूदगी से जुड़े एक सवाल के जवाब में उपराष्ट्रपति ने कहा कि अफ्रीकी देशों के साथ संबंध स्थापित करने में दोनों देशों की सोच अलग-अलग है और भारत इसे प्रतियोगिता के रूप में नहीं देखता। उन्होंने अफ्रीकी महादेश में उपनिवेशवाद को खत्म करने में भारत के ऐतिहासिक संबंध और संघर्ष पर प्रकाश डाला। अंसारी ने कहा कि भारत अफ्रीका की विकास यात्रा में और खासकर सूचना प्रौद्योगिकी, दूरसंचार और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में हमेशा साझेदारी करना चाहेगा।