Adani Group: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री टॉनी एबॉट (Tony Abbott) ने अडानी समूह के समर्थन में शनिवार (4 फरवरी, 2023) को बड़ा बयान दिया है। एबॉट ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह ने जो विश्वास दिखाया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। टॉनी एबॉट ने अमेरिका स्थित शार्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडाणी समूह के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि ये महज आरोप हैं। NDTV से बातचीत के दौरान एबॉट ने कहा कि आरोप लगाना बेहद आसान है। केवल इसलिए कि कुछ आरोप लगाए गए हैं, यह सच नहीं हो जाता है। सामान्य कानून के इस सिद्धांत पर मुझे विश्वास है कि आप दोषी साबित होने तक निर्दोष हैं।
‘अडानी ग्रुप ने आस्ट्रेलिया में नौकरियों का सृजन किया’
एबॉट ने अपने देश में अडानी ग्रुप के अरबों डॉलर के निवेश का जिक्र करते हुए कहा कि अगर इसमें (आरोपों में) कुछ भी है, तो मुझे विश्वास है कि नियामक इस पर गौर करेंगे। जहां तक मेरी बात है, ऑस्ट्रेलिया में अडानी समूह ने जो विश्वास दिखाया है, उसके लिए मैं आभारी हूं। इन निवेशों के साथ ही ऑस्ट्रेलिया में नौकरियां के सृजन के लिए उन्होंने अडानी ग्रुप को श्रेय दिया।
आस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई कोयले की मदद से भारत में लाखों लोगों को 24×7 बिजली सुनिश्चित करने के नरेंद्र मोदी सरकार के प्रयासों पर भी ध्यान दिलाया, जिसे अडानी ग्रुप ने बिना किसी शुल्क का भुगतान किए आयात किया है।
एबॉट ने कहा कि मध्य क्वींसलैंड में अडानी माइनिंग को काफी समर्थन करने वाले शख्स के तौर पर मुझे इस बात की खुशी है कि अडानी कोल अब देश के विद्युतीकरण में मदद के लिए भारत आ रहा है, क्योंकि आप 24×7 बिजली के बिना आधुनिक जीवन नहीं जी सकते। हमारी सरकार की ओर से पिछले वर्ष के अंत में किए गए इस करार की बदौलत आस्ट्रेलियाई कोयला, अडानी माइनिंग के जरिये यह मदद उपलब्ध करा रहा है।
‘अडानी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया में अरबों डॉलर का निवेश किया’
आस्ट्रेलिया के पूर्व पीएम ने कहा कि एक ऑस्ट्रेलियाई के तौर पर मैं जानता हूं कि अडानी ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया में अरबों डॉलर का निवेश किया है, उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में नौकरियों का सृजन किया है। अडानी और उनकी टीम ने जिस तरह से ऑस्ट्रेलिया में दृढ़ता दिखाई है, उसकी मैं प्रशंसा करता हूं। जहां तक विभिन्न मार्केट डीलिंग्स को लेकर जो दावे किए जा रहे हैं, मैं आश्वस्त हूं कि यदि इनमें कुछ है तो इसे संबंधित नियामक के पास भेजा जाएगा, जो इससे निपटेगा, क्योंकि अडानी एक ऐसी कंपनी है, जो कानून के तहत काम करती है। भारत ऐसा देश है जो कानून के शासन के तहत काम करता है।