Sundar Pichai meets PM Modi: पेरिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक्शन समिट में दुनियाभर के नेता और टेक दिग्गज शामिल हुए थे। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यहां पेरिस सीईओ फोरम में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई सहित कई बड़ी कारोबारी हस्तियों से मुलाकात की। सुंदर पिचाई के अलावा स्केल एआई के फाउंडर और सीईओ एलेक्जेंडर वांग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान एआई इंडस्ट्री के भविष्य पर चर्चा हुई।
गूगल सीईओ सुंदर पिचाई ने AI समिट से इतर प्रधानमंत्रीनरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि AI भारत में कई बेहतरीन मौके लेकर आएगा। हम भारत के साथ मिलकर देश में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन लेकर आएंगे।
सुंदर पिचाई ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद कहा कि पेरिस में एआई एक्शन समिट के दौरान और बाद में पीएम मोदी से मिलकर खुशी हुई। हमने एआई के भविष्य पर चर्चा की और उन मौकों पर भी जो भारत के लिए फायदेमंद होगी। हम मिलकर भारत में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन ला सकते हैं।
पिचाई के अलावा स्केल AI के संस्थापक और सीईओ एलेक्जेंडर वांग ने भी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उन्होंने इस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पोस्ट कर बताया कि पेरिस में नरेंद्र मोदी और इमैनुएल मैक्रॉन से मिलकर बहुत अच्छा लगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में इंडिया-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित किया, जिसमें उन्होंने कहा कि यह मंच आर्थिक संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा कि यह फोरम भारत-फ्रांस के बेस्ट बिजनेस माइंड्स का ठिकाना है। इस फोरम के जरिए दोनों देशों के रणनीतिक साझेदारी को मजबूती मिलती है।
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बता दें, एलेक्जेंडर वांग 1997 में अमेरिका के लॉस अलामोस में पैदा हुए थे। उन्होंने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में थोड़े समय के लिए पढ़ाई की, लेकिन 2016 में स्केल AI की स्थापना के लिए इसे छोड़ दिया। वह 2021 में सिर्फ 24 साल की उम्र में दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड अरबपति बन गए थे।
एआई एक्शन समिट में क्या बोले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी?
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पेरिस में एआई एक्शन समिट को संबोधित करते हुए कहा कि विश्वसनीय और पारदर्शी एआई सिस्टम विकसित करने के लिए पूर्वाग्रहों से मुक्त गुणवत्तापूर्ण डेटा सेट महत्वपूर्ण हैं। इस शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने की।
समाज, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नया स्वरूप देने में एआई की परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने समावेशी तकनीकी शासन और प्रौद्योगिकी के लोकतंत्रीकरण की स्थापना के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयास का आह्वान किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि एआई स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि और बहुत कुछ बेहतर करके लाखों लोगों के जीवन को बदलने में मदद कर सकता है। यह एक ऐसी दुनिया बनाने में मदद कर सकता है जिसमें सतत विकास लक्ष्यों की यात्रा आसान और तेज़ हो जाए। ऐसा करने के लिए, हमें ओपन-सोर्स सिस्टम विकसित करना चाहिए जो विश्वास और पारदर्शिता को बढ़ाए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें पक्षपात से मुक्त गुणवत्तापूर्ण डेटा सेट बनाना चाहिए। हमें प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए और लोगों पर केंद्रित एप्लिकेशन बनाना चाहिए। हमें साइबर सुरक्षा, गलत सूचना और डीप फेक से संबंधित चिंताओं को दूर करना चाहिए। और, हमें यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रौद्योगिकी स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में निहित हो ताकि यह प्रभावी और उपयोगी हो।
एआई में डेटा पूर्वाग्रह तब होता है जब एआई मॉडल विकसित करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला प्रशिक्षण डेटा वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है या इसमें व्यवस्थित त्रुटियां होती हैं, जिससे विषम, अनुचित या गलत परिणाम सामने आते हैं। यह पूर्वाग्रह अक्सर ऐतिहासिक असमानताओं और मानवीय पूर्वाग्रहों से उपजा है और अक्सर रूढ़ियों को मजबूत करता है। उदाहरण के लिए, जब उच्च वेतन वाले व्यवसायों के बारे में पूछा जाता है तो AI इमेज सर्च मुख्य रूप से श्वेत पुरुषों की तस्वीरें प्रदर्शित कर सकता है। इसी तरह, एक हालिया अध्ययन में पाया गया कि AI मॉडल अपने श्वेत समकक्षों की तुलना में अश्वेत आबादी के बारे में स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नों का जवाब देने में कम सटीक थे।
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प्रधानमंत्री मोदी ने एक उदाहरण देते हुए बताया कि यदि किसी से बाएं हाथ से लिखने वाले व्यक्ति की छवि बनाने के लिए कहा जाए, तो एआई प्लेटफॉर्म पर दाएं हाथ से लिखने वाले व्यक्ति को दर्शाने की संभावना अधिक होगी, क्योंकि प्रशिक्षण डेटा में दाएं हाथ से लिखने वाले लोगों के उदाहरण अधिक होंगे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दर्शाता है कि हालांकि एआई की सकारात्मक क्षमता अद्भुत है, लेकिन इसमें कई पूर्वाग्रह भी हैं जिनके बारे में हमें सावधानीपूर्वक सोचने की जरूरत है। उन्होंने विशेषज्ञों की इस चिंता को भी दोहराया कि जब एआई का उपयोग लोगों को प्रभावित करने वाले निर्णय या भविष्यवाणियां करने के लिए किया जाता है, तो पूर्वाग्रहपूर्ण परिणाम गंभीर और दूरगामी हो सकते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि एआई अभूतपूर्व पैमाने और गति से विकसित हो रहा है। और इसे और भी तेज़ी से अपनाया और लागू किया जा रहा है। सीमाओं के पार भी गहरी अंतर-निर्भरता है। इसलिए, शासन और मानकों को स्थापित करने के लिए सामूहिक वैश्विक प्रयासों की आवश्यकता है जो हमारे साझा मूल्यों को बनाए रखें, जोखिमों को संबोधित करें और विश्वास का निर्माण करें।
बुधवार को पेरिस में आयोजित एआई एक्शन शिखर सम्मेलन में वैश्विक नेता, तकनीकी विशेषज्ञ और नीति निर्माता एकत्रित हुए, तथा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की परिवर्तनकारी क्षमता और नैतिक एआई विकास के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया गया।
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