विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हाल ही में कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर एक रिपोर्ट जारी की थी। अब इसे लेकर 14 देशों ने चिंता जाहिर की है। अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन सरीखे देशों ने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि WHO की जांच में काफी देरी हुई और पूरा डेटा भी नहीं दिया गया। बता दें कि WHO के अधिकारियों ने पिछले साल ही कोरोना की उत्पत्ति की जांच के लिए चीन जाने का फैसला किया था, हालांकि जिनपिंग शासन ने जांच टीम के लिए लंबे समय तक अवरोध पैदा किए।

वायरस के स्रोत का पता नहीं लगा पाई WHO टीम: बता दें कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच करने वाले WHO के विशेषज्ञों की टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि घातक विषाणु के स्रोत का अब तक पता नहीं चला और सवालों के जवाब पाने के लिए आगे और अध्ययन की जरूरत है। साथ ही यह भी कहा गया था कि वायरस किसी जानवर से ही इंसान तक पहुंचने की सबसे ज्यादा संभावना है। अंतरराष्ट्रीय टीम की रिपोर्ट मंगलवार को प्रकाशित हुई थी। 14 अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट्स की इस टीम ने 14 जनवरी से 10 फरवरी तक चीन के वुहान शहर का दौरा किया था जहां दिसंबर 2019 में वायरस का सबसे पहला मामला सामने आया था।

WHO के महानिदेशक डॉक्टर टेडरोस अदनहोम गेब्रेयेसस ने कहा था कि वायरल लैब से लीक हुआ था, इसकी गहन जांच की जरूरत है। टीम की रिपोर्ट में इसकी संभावना कम जताई गई थी लेकिन टेडरोस ने जांच की जरूरत बताई है। उन्होंने कहा कि चीन में टीम को जरूरी डेटा नहीं मिल सका और उन्होंने भविष्य में बेहतर डेटा शेयरिंग की जरूरत बताई।

देरी से हुई कोरोना की उत्पत्ति की जांच, बोले 14 देश: हालांकि, मंगलवार को ही अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चेक रिपब्लिक, डेनमार्क, एस्टोनिया और इजराइल समेत 14 देशों ने बयान जारी कर कहा कि वे डब्ल्यूएचओ के महमारी को रोकने और इसकी शुरुआत और फैलाव की जानकारी जुटाने के प्रयासों का समर्थन करते हैं। हालांकि, इस बीच यह भी चिंता की बात है कि अंतरराष्ट्रीय एक्सपर्ट कमेटी की कोरोना की उत्पत्ति पर की गई जांच काफी देर से हुई और इसमें पूरे ओरिजनल डेटा और सैंपल्स नहीं जुटाए जा सके।

भारत की तरफ से कोई बयान नहीं: 14 देशों के इस बयान में जापान, लातविया, लिथुआनिया, नॉर्वे, स्लोवेनिया, ब्रिटेन और रिपब्लिक ऑफ कोरिया ने भी हस्ताक्षर किए। लेकिन भारत का नाम इससे गायब रहा। बता दें कि जहां भारत अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ क्वाड गठबंधन के जरिए चीन को घेरने की कोशिश में जुटा है, वहीं कोरोना की उत्पत्ति को लेकर अब तक मोदी सरकार की तरफ से चीन पर कोई बयान नहीं दिया गया है।