Story Behind Haryana Village Carterpuri: अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 साल की उम्र में निधन हो गया। उनका भारत के साथ एक अनूठा संबंध था। यह कूटनीति से कहीं आगे तक फैला हुआ था। 1978 में उनकी ऐतिहासिक भारत यात्रा के बाद हरियाणा के एक छोटे से गांव कार्टरपुरी का नाम उनके सम्मान में रखा गया। कार्टर इमरजेंसी के दौर और 1977 में जनता पार्टी की जीत के बाद भारत आने वाले पहले अमेरिकी नेता थे।
दिल्ली के पास दौलतपुर नसीराबाद गांव की यात्रा के दौरान कार्टर का भारत से जुड़ाव और गहरा हो गया। अपनी पत्नी रोजलिन के साथ उनका गांव वालों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने उस क्षेत्र का नाम बदलकर कार्टरपुरी रख दिया। कार्टर और गांव के बीच का रिश्ता कायम रहा। लोगों ने उनकी जयंती भी मनाई। जब राष्ट्रपति कार्टर को 2002 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला तो इस गांव में भी जश्न मनाया गया। 3 जनवरी को कार्टरपुरी में छुट्टी होती है।
कार्टर ने भी की थी तारीफ
एक ग्रामीण जो 24 साल का था जब कार्टर और उनकी पत्नी ने गांव का दौरा किया था। उन्होंने 2020 में WION को बताया, ‘जब वे आए तो गांव में उत्सव का माहौल था। उन्होंने ग्राम पंचायत को बुलाया और गांव का नाम बदलकर कार्टरपुरी करने का प्रस्ताव पेश किया। कार्टर ने कार्टरपुरी के मुखिया को भी लिखा, ‘जब मैं आपके गांव में आया था, तो आपने और कार्टरपुरी के सभी लोगों ने जो गर्मजोशी से आतिथ्य और मित्रता दिखाई, उसकी मैं बहुत सराहना करता हूं। निस्संदेह, यह मेरी पूरी विदेश यात्रा का एक महत्वपूर्ण क्षण था और एक ऐसा अनुभव था जिसे मैं जल्दी नहीं भूल पाऊंगा।’
जो बाइडेन ने 4 भारतवंशियों को दिया क्षमादान
कार्टर ने लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर जोर दिया
जिमी कार्टर की भारत यात्रा ऐतिहासिक थी क्योंकि उन्होंने संसद को संबोधित किया और दिल्ली घोषणापत्र पर साइन किए, जिसमें दोनों देशों के बीच लोकतंत्र के सार के रूप में लोकतंत्र और लोगों की सेवा के साझा मूल्यों पर जोर दिया गया। उन्होंने लोगों को चुनावों के माध्यम से अपनी सरकार बदलने का मौका देने के लिए भारतीय लोकतंत्र की भी तारीफ की। बता दें कि कार्टर 1977 से 1981 तक अमेरिका के राष्ट्रपति रहे थे। वह साल 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति बने थे। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिमी कार्टर का निधन, 100 साल की उम्र में ली अंतिम सांस पढ़ें पूरी खबर…