पाकिस्तान में लश्कर ए-तैयबा के पूर्व कमांडर अकरम खान उर्फ अकरम गाजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। अकरम लश्कर का पूर्व कमांडर था। वह 2018 से 2020 तक लश्कर में भर्ती का काम देखता था।

अकरम गाजी की गुरुवार को पाकिस्तान के बाजौर में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। अकरम लश्कर के टॉप कमांडर्स में रहा है। वह लंबे वक्त से आतंकी गतिविधियों में शामिल था। यह पहला मौका नहीं है, जब पाकिस्तान में इस तरह से आतंकियों को निशाना बनाया गया हो। इससे पहले मुफ्ती कैसर फारूक, खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवड़, एजाज अहमद अहंगर, बशीर अहमद पीर जैसे तमाम आतंकियों को भी अज्ञात हमलावरों ने मार गिराया।

लश्कर-ए-तैयबा के लिए करता था भर्ती

सूत्रों के मुताबिक, अकरम लश्कर-ए-तैयबा का एक जाना-माना नाम है। वह लश्कर के केंद्रीय भर्ती सेल का एक प्रमुख सदस्य था। वह भारत के खिलाफ नफरत भरे भाषणों के लिए जाना जाता था। वह लंबे समय से चरमपंथी गतिविधियों में शामिल था। साथ ही उसने लश्कर भर्ती सेल का नेतृत्व किया था। अक्रम गाजी चरमपंथी हितों के प्रति सहानुभूति रखने वाले व्यक्तियों की पहचान करता था और उन्हें भर्ती करने में एक जिम्मेदार भूमिका निभाता था।

हाल के दिनों में लश्कर के बड़े आतंकवादियों की यह दूसरी हत्या है। इससे पहले रविवार को जम्मू-कश्मीर में 2018 सुंजवान आतंकी हमले के मास्टरमाइंडों में से एक ख्वाजा शाहिद का अपहरण कर लिया गया था। बाद में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास उसका सिर कटा हुआ पाया गया था।

अक्टूबर में पठानकोट हमले के मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ की पाकिस्तान में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। लतीफ़ पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर से भारत के सबसे वांछित आतंकवादियों में से एक था और 2016 में पठानकोट वायु सेना स्टेशन में घुसने वाले चार आतंकवादियों का हैंडलर था। सितंबर में पीओके के रावलकोट में अल कुद्दूस मस्जिद के बाहर लश्कर कमांडर रियाज अहमद की हत्या कर दी गई थी। वह पीओके में लश्कर की भर्ती का काम संभाल रहा था।