Dengue and Malaria Hits Pakistan: पाकिस्तान में बाढ़ की वजह से वहां अचानक मच्छरों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है, जिसकी वजह से वहां की जनता मलेरिया और डेंगू की चपेट में आ गई है। पाकिस्तान में अगर मच्छरों से जनता का बचाव नहीं किया गया तो जनवरी तक सिर्फ मलेरिया के 27 लाख से भी ज्यादा मामले आने का अनुमान लगाया गया है। पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीच मच्छरों से बचाव के लिए भारत से 60 लाख मच्छरदानी की खरीद को मंजूरी दी है।
पाकिस्तान में आई भयानक बाढ़ की वजह से वहां पर मलेरिया, डेंगू और जल जनित अन्य कई प्रकार की बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। पाकिस्तान सरकार ने इस पर अंकुश लगाने के लिए ये कदम उठाए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) वैश्विक कोष के तहत उपलब्ध कराये गये वित्तीय संसाधनों का इस्तेमाल पाकिस्तान के लिए मच्छरदानी की खरीद में करेगा। जीयो टीवी की खबर में यह जानकारी दी गई।
पाकिस्तान ने WHO से भी मच्छरदानी का अनुरोध कर चुका
इसके पहले पाकिस्तान ने डब्ल्यूएचओ से मच्छरदानी उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया था। मध्य जून में मूसलाधार बारिश के कारण आई विनाशकारी बाढ़ के कारण एक तिहाई पाकिस्तान पानी की चपेट में था, जिसके कारण 3.3 करोड़ लोगों को विस्थापित होना पड़ा, जबकि 1700 लोगों से अधिक की मौत हो गई।सितंबर में डब्ल्यूएचओ ने आगाह किया कि मलेरिया जैसी बीमारियों के मामले में इजाफे से ‘दूसरी आपदा’ आ सकती है।
WHO ने पिछले सप्ताह दी थी चेतावनी
पिछले सप्ताह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेतावनी दी थी कि बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के 32 जिलों में जनवरी 2023 तक मलेरिया के मामलों की संख्या 27 लाख तक हो सकती है। पाकिस्तान के अधिकारियों ने भी कहा है कि बाढ़ प्रभावित 32 जिलों में मलेरिया तेजी से फैल रहा है और मच्छर जनित बीमारियों से बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। खबर में बताया गया है कि भारत से मच्छरदानी खरीदने के लिए पाकिस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय से पिछले महीने अनुमति मांगी गई थी।
भारत-पाकिस्तान में हैं तनावपूर्ण संबंध
भारत पाकिस्तान के बीच अगर हम संबंधों की बात करें तो ये शुरू से ही अच्छे नहीं रहे हैं। 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 को हटाने के बाद से दोनों देशों में संबंध और भी ज्यादा तनावपूर्ण हो गए हैं। भारत ने 5 अगस्त 2019 को कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया। पाकिस्तान ने भारत के इस फैसले के बाद राजनयिक संबंधों को गर्त में पहुंचा दिया। तब से लेकर अब तक पाकिस्तान और भारत के व्यापारिक संबंध बेहद सीमित हैं। कुछ विशेष मामलों में ही व्यापार हो रहा है।