US Birthright Citizenship: अमेरिका के एक फेडरल कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप को बड़ा झटका दिया है। ट्रंप ने राष्ट्रपति का पदभार संभालने के बाद में उन्होंने बर्थराइट सिटिजनशिप को खत्म करने के लिए एक एग्जीक्यूटिव ऑर्डर साइन किया था। अगले महीने तक ऐसे लोगों को अमेरिका की नागिरकता छिनने का डर सता रहा था, जिनके पास मां-बाप के अमेरिकन ना होने के बाद भी जन्म के आधार पर अमेरिका की नागरिकता है। हालांकि, कोर्ट ने डोनाल्ड ट्रंप के आदेश को साफ तौर पर असंवैधानिक करार दिया।
फेडरल कोर्ट के जज ने सुनवाई के दौरान बिना किसी लाग लेपट के कार्यकार आदेश को साफ तौर पर अंसवैधानिक करार दिया। न्याय विभाग ने इसका बचाव किया। हालांकि, जज ने हैरानी जताते हुए कहा कि कोई भी कानूनी पेशेवर इस आदेश को संवैधानिक तौर पर सही नहीं मान सकता है। जज कॉन्फर ने कहा, ‘मुझे यह समझने में परेशानी हो रही है कि बार का कोई सदस्य स्पष्ट रूप से कैसे कह सकता है कि यह आदेश संवैधानिक है।’ उन्होंने कहा कि यह मेरे दिमाग को पूरी तरह से चकरा देता है।
14वें संशोधन पर कानूनी लड़ाई
बर्थराइट सिटिजनशिप पर बहस 14वें संशोधन पर केंद्रित है। इसे 1868 में गृह युद्ध के बाद अपनाया गया था और यह अमेरिका में पैदा हुए सभी लोगों को नागरिकता की गारंटी देता है। यह संशोधन 1857 के ड्रेड स्कॉट फैसले का जवाब था। इसने गुलाम बनाए गए अश्वेत लोगों और उनके वंशजों को नागरिकता देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 127 साल पहले यूनाइटेड स्टेट्स बनाम वोंग किम आर्क मामले में कहा था कि अमेरिका में गैर-नागरिक माता-पिता से जन्मे बच्चे नागरिकता के हकदार हैं। ट्रंप का कार्यकारी आदेश इस लंबे समय से चली आ रही परंपरा को पलटने की कोशिश करता है।
क्या है अमेरिका की बर्थराइट सिटीजनशिप पॉलिसी जिसे ट्रंप ने खत्म किया
ट्रंप के आदेश का भारतीयों पर असर
ट्रंप के आदेश की अगर भारतीयों पर असर की बात करें तो अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के 2024 तक के आंकड़ों के मुताबिक अमेरिका में करीब 54 लाख भारतीय रहते हैं। इनकी आबादी अमेरिकी की आबादी की करीब डेढ़ फीसदी है। ट्रंप के आदेश के बाद में फर्स्ट जेनरेशन इमिग्रेंट्स को अमेरिकी की सिटिजनशिप मिलना बहुत कठिन हो जाएगा। वहीं ग्रीनकार्ड का इंतजार कर रहे परिवारों की उम्मीदें टूट गईं क्योंकि ट्रंप के आदेश से हर साल 1.5 लाख नवजातों की सिटिजनशिप पर संकट आ गया है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति के आदेश के लिए तय की गई डेडलाइन के बीच अमेरिका में भारतीय जोड़े 20 फरवरी, 2025 से पहले अपने बच्चों को नागरिकता सुनिश्चित करने के लिए तत्काल डिलीवरी करा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर…