पेरिस आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड के खिलाफ कार्रवाई के दौरान मारी गई महिला फिदायीन के बारे में ब्रिटिश अखबार ‘डेली मेल’ ने हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। अखबार ने यूरोप की पहली महिला फिदायीन कही जाने वाली 26 वर्षीय हसना अत बोलाचेन की कई फोटोज भी छापी हैं। रिपोर्ट में खुलासा किया गया है हसना को मजहब से यकीन नहीं था। उसे शराब पीने और पार्टियां करने का शौक था। वह अपने दोस्तों के बीच ‘काउगर्ल’ के नाम से पहचानी जाती थी। पेरिस हमलों के मास्टरमाइंड को पकड़ने के लिए पुलिस ने बुधवार को सेंट डेनिस में एक अपार्टमेंट में एनकाउंटर शुरू किया। जब पुलिस अपार्टमेंट के अंदर घुसी और उसने आतंकी हसना को अरेस्ट करने की कोशिश की तो उसने खुद को उड़ा लिया था। बताया जाता है कि खुद को उड़ाने से पहले वह पुलिस पर चिल्लाई थी। हसना के साथ ही उस धमाके में पेरिस हमलों का मास्टरमाइंड अब्देलहामिद अबाउद भी मारा गया था।
‘डेली मेल’ ने हसना के बारे में लिखा है कि वह वह कुरान नहीं पढ़ती थी। बुर्का भी उसने एक महीने पहले ही पहनना शुरू किया था। उसके भाई यूसुफ के मुताबिक, हसना अपनी ही दुनिया में मस्त रहने वाली लड़की थी। वह फेसबुक और वॉट्सऐप पर काफी एक्टिव थी। उसे पार्टीज में जाना, शराब और सिगरेट पीने का शौक था। उसके भाई यूसुफ के हवाले से डेली मेल ने लिखा है कि हसना ने तीन हफ्ते पहले ही एक फ्रेंड के साथ रहने के लिए घर छोड़ दिया था। बताया जाता है कि हसना का परिवार मोरक्को से 1973 में पेरिस आया था। काउब्वॉय हैट पहनने की वजह से दोस्तों के बीच वह ‘काउगर्ल’ के नाम से मशहूर थी। उसे मेकअप का भी काफी शौक था।


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