S Jaishankar On Russian Imports: भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार(10 अक्टूबर) को भारत-रूस की दोस्ती को लेकर अमेरिका पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि सोवियत और रूसी हथियार भारत के पास इसलिए ज्यादा हैं, क्योंकि पश्चिमी देशों ने दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की। उन्होंने कहा कि हथियारों के क्षेत्र में पश्चिमी देशों ने अपने पसंदीदा साथी के तौर पर एक सैन्य तानाशाह को चुना।
बता दें कि एस जयशंकर का इशारा प्रत्यक्ष रूप से पाकिस्तान की ओर था। दरअसल पाकिस्तान अपने 73 से अधिक सालों में आधे से अधिक वर्षों से सेना के जनरलों द्वारा शासित रहा है। विदेश मंत्री ने यह बात कैनबरा में अपने ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ एक संयुक्त प्रेस वार्ता में कही।
उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच लंबे समय से बेहतर संबंध हैं। रूस ने निश्चित रूप से भारत के हितों का अच्छी तरह से ध्यान रखा। भारतीय विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की ओर प्रत्यक्ष रूप से इशारा करते हुए कहा कि हमारे पास सोवियत और रूस निर्मित हथियार का होना कई कारणों से है।
उन्होंने कहा कि आपको भी हथियार प्रणालियों के नफा-नुकसान पता हैं। यह इसलिए भी क्योंकि पश्चिमी देशों ने भारत को हथियारों की आपूर्ति कई दशकों तक नहीं की। भारत की जगह उन्होंने एक सैन्य तानाशाह को अपना साझेदार बनाया।
गौरतलब है कि पिछले महीने एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक सम्मेलन में प्रेस वार्ता के दौरान कहा था कि जब भारत को हथियारों की पेशकश की जाती है, तो भारत इसे राष्ट्रीय हित के तौर पर विकल्प जैसा देखता है। बता दें कि जयशंकर अपनी न्यूजीलैंड यात्रा खत्म कर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं। यहां उन्होंने वोंग के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता’की।
जयशंकर अपनी न्यूजीलैंड यात्रा संपन्न करने के बाद ऑस्ट्रेलिया पहुंचे हैं, जहां उन्होंने वोंग के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता’की. पिछले महीने, जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा था कि भारत को जब हथियारों की पेशकश की जाती है तो वह अपने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए विकल्प देखता है.