अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और टेस्ला के मालिक एलन मस्क की दोस्ती दुनिया भर में चर्चा के केंद्र बनी हुई है। कुछ दिन पहले ही ट्रंप के साथ एलन मस्क के बेटे की कुछ तस्वीरें वायरल हुई थी। डोनाल्ड ट्रंप अपनी कुर्सी पर बैठे थे और एलन मस्क का बेटा भी वहां पर पास में ही खड़ा था। मुलाकात के दौरान एलन मस्क का बेटा काफी चर्चा में रहा।
एलन मस्क के बेटे का वायरल हुआ था वीडियो
इस मुलाकात के दौरान का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें एलन मस्क का बेटा नाक खुजलाता हुआ नजर आता है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि मस्क का बेटा नाक में उंगली कर रहा था और 145 साल पुरानी रिजोल्यूट टेबल के पास में ही खड़ा था। अब ट्रंप ने इस टेबल को बदल दिया है। हालांकि इसे अस्थाई बदलाव कहा गया है। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नए टेबल के साथ ओवल ऑफिस की तस्वीर शेयर की है। हालांकि ट्रंप ने यह टेबल क्यों बदली है, इसकी जानकारी अभी तक नहीं दी गई है।
जानें क्यों बदला टेबल
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म ट्रूथ सोशल पर एक पोस्ट में कहा, “चुनाव के बाद राष्ट्रपति को 7 टेबल में से एक को चुनने का विकल्प दिया जाता है। यह डेस्क C&O काफी मशहूर भी है। इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति जॉर्ज एच. डब्ल्यू. बुश और अन्य लोगों के लिए व्हाइट हाउस में अस्थायी रूप से रखा गया है। रेजोल्यूट डेस्क को मरम्मत की जरूरत है। वो बेहद जरूरी काम है। इसलिए इसे एक सुंदर टेबल से रिप्लेस किया गया है।”
बच्चों को मीटिंग में क्यों ले जाते हैं ट्रंप?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के दौरान भी एलन मस्क के बच्चे उनके साथ थे। एलन मस्क अक्सर अपने बच्चों के साथ दिखते हैं। जब वह राजनीति में नहीं थे तब भी वह अपने ऑफिस में बच्चों को साथ लेकर जाया करते थे। एलन मस्क अमेरिकी राजनीति में काफी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं और जब भी कोई विदेशी नेता दौरा कर रहा है, तो एलन मस्क भी मुलाकात कर रहे हैं। एलन मस्क के बच्चे भी अक्सर अहम बैठकों में दिखाई दे रहे हैं।
अब बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर एलन मस्क अपने बच्चों को लेकर आधिकारिक बैठकों में क्यों जाते हैं? इसको लेकर अमेरिकन यूनिवर्सिटी के पब्लिक कम्युनिकेशन के प्रोफेसर कर्ट ब्रैडॉक ने बीबीसी से बात करते हुए कहा, “सार्वजनिक कार्यक्रमों में बच्चों को शामिल करना एक राजनेता द्वारा उठाया गया राजनीतिक कदम है। इससे लगता है कि वह थोड़ा और मिलनसार दिखते हैं और जनता की नजर में अधिक मानवीय दृष्टिकोण अपनाने वाले लगते हैं।”