एक पूर्व अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने पाकिस्तानी सेना पर तालिबान को खुफिया जानकारी, प्रशिक्षण एवं साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराने का आरोप लगाया और कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान के खिलाफ युद्ध में जीत हासिल करने के लिए पाकिस्तान में उसकी पनाहगाहों को नष्ट करना आवश्यक है।

सेना के पूर्व उप प्रमुख एवं इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी आॅफ वार के अध्यक्ष जनरल (सेवानिवृत्त) जॉन एम किएने ने विश्वव्यापी खतरों पर कांग्रेस की बहस में कल कहा, ‘‘पाकिस्तान में पनाहगाह नष्ट करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ नई रणनीति की आवश्यकता है।’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में तालिबान की पनाहगाह हैं। पाकिस्तानी सेना पनाहगाह मुहैया कराने के साथ उन्हें खुफिया जानकारी, प्रशिक्षण एवं साजो सामान संबंधी सहायता मुहैया कराती है।

किएने ने कहा, ‘‘हम मौजूदा स्थिति में मुख्य रूप से इसलिए हैं क्योंकि इराक में युद्ध लंबा खिंच गया है और अफगानिस्तान में आवश्यक संख्या में बल तैनात नहीं किए जा सकते। ऐसे में अमेरिकी जमीनी बल खासकर थलसेना एक साथ दो जगह आतंकवाद से लड़ने के लिए बहुत छोटी है।’ उन्होंने कहा कि ओबामा की नीति युद्ध जीतने की नहीं रही बल्कि अमेरिकी संलिप्तता को कम करने की रही है।