ऑस्ट्रेलिया के प्रारंभिक निवासियों को अंतिम हिमयुग के दौरान विशालकाय हिंसक छिपकली से संघर्ष करना पड़ा होगा। अनुसंधानकर्ताओं ने इससे जुड़े पहले प्रमाण का पता लगाया है।

क्वीसलैंड विश्वविद्यालय के जीवाश्म विज्ञानी डाक्टर गिल्बर्ट प्राइस ने कहा कि केंद्रीय क्वीसलैंड में काम कर रहे अनुसंधानकर्ताओं ने जब आॅस्ट्रेलिया के प्रारंभिक मानव बाशिंदे और विशालकाय हिंसक छिपकली को एक-दूसरे के शरीर के उच्च स्तर पर पाया तो वे चकित रह गये।

प्राइस के अनुसार अनुसंधानकर्ताओं को रॉकहैम्प्टन के पास कैपरिकॉर्न गुफा की दो मीटर की खुदाई के दौरान एक विशालकाय छिपकली का छोटा जीवाश्म मिला।

प्राइस और उनके सहयोगियों ने हड्डी की आयु का पता लगाने के लिए रेडियो कॉर्बन तथा यूरेनियम थोरियम तकनीक का प्रयोग किया जो कि 50,000 वर्ष पुरानी है। संयोग से उसी समय आॅस्ट्रेलिया के आदिवासी बाशिंदों का आगमन हुआ था।

उन्होंने कहा ‘हम यह नहीं कह सकते कि यह हड्डी कोमोडो ड्रैगन या उससे बड़ी मेगालानिया मॉनिटर छिपकली जैसी विलुप्त हो चुकी प्रजाति की है जिसका वजन 500 किलोग्राम और लंबाई छह मीटर तक हो सकती है।’

ऑस्ट्रेलिया में आज के समय में सबसे बड़ी छिपकली पेरेन्टाई है, जिसकी लंबाई दो मीटर तक बढ़ सकती है। उन्होंने कहा ‘उनके विलुप्त होने के पीछे अब केवल इंसानों को ही कारक माना जाना चाहिए।’ इस अध्ययन का प्रकाशन क्वाटर्नरी साइंस रिव्यूज में किया गया है।