राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि यदि वह सत्ता में आते हैं तो यरूशलम को इस्राइल की ‘वास्तविक’ राजधानी के रूप में मान्यता देंगे। ट्रंप ने गुरुवार (13 अक्टूबर) रात कहा, ‘मैंने कई मौकों पर कहा है कि ट्रंप के प्रशासन में, अमेरिका यरूशलम को इस्राइल की वास्तविक राजधानी के रूप में मान्यता देगा।’ उन्होंने आरोप लगाया कि इस्राइल को यरूशलम से अलग करने की संयुक्त राष्ट्र की कोशिश यरूशलम के साथ इस्राइल के 3000 साल पुराने संबंध को नजरअंदाज करने का एक पक्षीय प्रयास है। उन्होंने दावा किया, ‘यरूशलम यहूदी लोगों की चिरस्थायी राजधानी है और कांग्रेस के भारी बहुमत ने यरूशलम को इस रूप में मान्यता देने के लिए मतदान किया है।’

ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति द्वारा लिखी गई टिप्पणी में ओबामा प्रशासन का ‘यरूशलम’ के बाद ‘इस्राइल’ शब्द हटाने का फैसला इस्राइल के दुश्मनों के आगे आत्मसमर्पण था और यह उन्हीं शिमोन पेरेज की मृत्यु के बाद उनका अपमान था जिनका राष्ट्रपति सम्मान करने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप के प्रशासन में, इस्राइल को अमेरिका के रूप में एक सच्चा, वफादार और स्थायी मित्र मिलेगा।’ अमेरिका की आधिकारिक नीति इस्राइल और फलस्तीन का विवाद हल हो जाने तक यरूशलम को इस्राइल की राजधानी घोषित करने से बचती है। पिछले माह, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा जब यरूशलम गए थे, तो व्हाइट हाउस ने इस्राइल के पूर्व प्रधानमंत्री शिमोन पेरेज के यरूशलम में आयोजित अंतिम संस्कार पर अपनी टिप्पणी भेजी थी। इसमें कहा गया था कि संवदेनाएं यरूशलम, इस्राइल में व्यक्त की गईं। लेकिन बाद में पिछले ईमेल सुधार कर भेजा गया। तब इसमें से ‘इस्राइल’ शब्द हटा लिया गया था।