अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कार्यभार संभालने के बाद से ही लगातार नए-नए आदेश पारित कर रहे हैं। उन्होंने सोमवार को भी एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए, जिसमें अमेरिकी न्याय विभाग को विदेशी व्यापार हासिल करने के लिए विदेशी सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपी अमेरिकियों पर मुकदमा चलाने पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया।
हालांकि यह आदेश अमेरिकी नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए है लेकिन यह अडानी समूह के प्रमुख अधिकारियों के लिए भी राहत की बात होगी जो वर्तमान में अमेरिकी अदालत में रिश्वतखोरी के आरोपों का सामना कर रहे हैं ।
मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कार्यकारी आदेश से एज़्योर पावर (Azure Power) को राहत मिलेगी, जिसका सोलर प्रोजेक्ट के लिए अडानी ग्रुप की एक फर्म के साथ करार था। सूत्र ने कहा कि चूंकि मामले के तहत कार्यवाही तब तक रुकी रहेगी जब तक राष्ट्रपति ट्रंप नए कानून नहीं बना लेते इसलिए इससे अडानी को कुछ राहत मिलेगी।
अडानी एंटरप्राइज के शेयर की कीमत बढ़ी
हालांकि एज़्योर पावर और अडानी समूह ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन अडानी एंटरप्राइज के शेयर की कीमत मंगलवार को शुरुआती कारोबारी घंटों में 3 प्रतिशत बढ़ी और दिन के अंत में 1.37 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुई, जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स 1.3 प्रतिशत नीचे था।
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नई गाइडलाइंस जल्द होंगी जारी
आदेश में अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम बॉन्डी को निर्देश दिया गया है कि वे 1977 के विदेशी भ्रष्ट आचरण अधिनियम (FCPA) के तहत जांच को तब तक रोक दें जब तक कि वे संशोधित गाइडेंस जारी नहीं कर देते। आदेश में कहा गया है कि भविष्य की एफसीपीए जांच और प्रवर्तन कार्रवाइयां इस नई गाइडलाइंस से चलेंगी और उन्हें अटॉर्नी जनरल द्वारा अप्रूव किया जाना चाहिए।
व्हाइट हाउस का दावा है कि एफसीपीए अमेरिकी कम्पनियों को विदेशी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले खराब स्थिति में डालता है क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों के बीच आम तौर पर अपनाई जाने वाली प्रथाओं को नहीं अपना सकते, जिससे असमान प्रतिस्पर्धा का माहौल पैदा होता है। 2024 में, न्याय विभाग और प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग ने 26 एफसीपीए-संबंधित प्रवर्तन कार्रवाइयां दायर कीं, जिनमें वर्ष के अंत तक कम से कम 31 कंपनियां जांच के दायरे में होंगी।
अडानी ग्रुप पर सोलर प्रोजेक्ट हासिल करने के लिए रिश्वत देने का आरोप
न्यूयॉर्क में अमेरिकी प्रोसिक्यूटर्स ने अडानी समूह के चेयरमैन गौतम एस अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और 6 अन्य पर सौर ऊर्जा आपूर्ति करार हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर 2,029 करोड़ रुपये (265 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की रिश्वत देने का आरोप लगाया था। 21 नवंबर, 2024 को दायर किए गए अभियोग में 250 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत देने, निवेशकों और बैंकों से झूठ बोलने और न्याय में बाधा डालने की योजना का आरोप लगाया गया था। गौतम अडानी के अलावा, नामित अन्य छह प्रतिवादी विनीत जैन, रंजीत गुप्ता, रूपेश अग्रवाल, सिरिल कैबेन्स, सौरभ अग्रवाल और दीपक मल्होत्रा हैं। पढ़ें- राष्ट्रपति ट्रंप अब लगाएंगे 25% का भारी भरकम टैरिफ, भारत पर भी बड़ा संकट?